मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की एक योजना को और ज्यादा कारगर तरीके से लागू करने जा रहे हैं। जबकि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस योजना को बंद करने का आदेश कमलनाथ सरकार ने दे दिया था। लेकिन अब कमलनाथ ने आनंद संस्थान को और ज्यादा ताकतवर बनाने की योजना  बनाई है।

असल में राज्य की पूर्व शिवराज सरकार ने राज्य में आनंद संस्थान शुरू किया था। जिसके जरिए राज्य के कॉलेजों और संस्थानों में आध्यात्म की शिक्षा दी जाती है। हालांकि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कमलनाथ ने इस संस्थान को बंद करने का फैसला किया था। लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव में मिली कांग्रेस के हार के बाद कमलनाथ सरकार ने इस संस्थान को बंद नहीं किया।

क्योंकि राज्य में लोकसभा चुनाव में हिंदू वोटरों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया। लिहाजा अब कमलनाथ सरकार राज्य में कई ऐसी योजनाओं को फिर से शुरू कर रही है। जो धर्म और आध्यात्म पर आधारित है। पिछले दिनों बजट में भी कमलनाथ ने राज्य में गो वंश की रक्षा के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया था।  

फिलहाल अब राज्य में कमलनाथ सरकार राज्य आनंद संस्थान को बंद नहीं करेगी। बल्कि इसके जरिए और ज्यादा प्रचार और प्रसार करेगी। क्योंकि सरकार को लगता है कि वह जीवन के जीवन में आनंद ला सकती है। क्योंकि आधुनिक जीवनशैली में लोगों में तनाव  आ रहा है। लिहाजा अब तनाव कम करने के लिए कमलनाथ सरकार आनंद संस्थान की मदद लेगी। कमलनाथ सरकार इसे प्रभावी बनाने के लिए प्लान तैयार कर रही है।

फिलहाल राज्य सरकार द्वारा हरी झंड़ी मिलने के बाद आध्यात्म विभाग ने शिक्षा विभाग सहित विश्वविद्यालयों को पत्र लिख कर  छात्रों को आनंद से जोड़ने के लिए गतिविधियां आयोजित करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि हैप्पीनेस इंडेक्स की ताजा रिपोर्ट में आनंद के मामले में 156 देशों में भारत का स्थान 140वें नंबर पर है।