फिलहाल राज्य में पार्टी की सरकार बनने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच मतभेद जारी है। वहीं आज राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की ज्योतिरादित्य सिंधिया की धमकी का जवाब दिया है। कमलनाथ ने कहा कि पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्य में ऋण माफ करने के अपने वादे को निभाने के लिए सरकार को मजबूर करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए स्वतंत्र हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो दिग्गजों के बीच विवाद तेजी से बढ़ रहा है। राज् के सीएम कमलनाथ और दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चला आ रहा है विवाद आम लोगों के बीच उभरने लगा है। कल सिंधिया ने राज्य सरकार को धमकी दी थी कि अगर चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरा नहीं किए जाते हैं तो वह सड़कों पर उतरेंगे। तो आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि जिसे आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना हो तो उतरे।
फिलहाल राज्य में पार्टी की सरकार बनने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच मतभेद जारी है। वहीं आज राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की ज्योतिरादित्य सिंधिया की धमकी का जवाब दिया है। कमलनाथ ने कहा कि पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्य में ऋण माफ करने के अपने वादे को निभाने के लिए सरकार को मजबूर करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए स्वतंत्र हैं।
हालांकि कमलनाथ का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि कल ही कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की थी। जिसके बाद उनका ये बयान आया है। माना जा रहा है कि पिछली बार की तरह आलाकमान भी कमलनाथ के पक्ष में है। असल में सिंधिया ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था अगर राज्य सरकार किसानों और शिक्षकों से किए वादों को पूरा नहीं करती है तो वह सड़कों पर उतरेगें।
सिंधिया ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस का घोषणापत्र पांच साल के लिए है जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। गौरतलब है कि सिंधिया गुना सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे। जिसके लिए वह राज्य के सीएम कमलनाथ को दोषी बताते हैं। फिलहाल अभी तक कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं के बीच चल रहे विवाद पर चुप्पी साधी है।
Last Updated Feb 16, 2020, 9:49 AM IST