लखनऊ। कभी राममंदिर आंदोलन के अगुवा रहे नेताओं में शुमार राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह आज राज्यपाल का पद त्यागने के बाद एक बार फिर भाजपा में शामिल होंगे। आज शाम को कल्याण सिंह लखनऊ पहुंचेंगे और फिर भाजपा कार्यालय में फिर पार्टी की सदस्यता लेंगे।

असल में पार्टी राज्य में होने वाले 12 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कल्याण सिंह को पिछड़ी जातियों को साधने की जिम्मेदारी दे सकता है। क्योंकि पिछड़ी जाति के ही धर्मपाल सिंह को पिछले दिनों योगी कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था।

कल्याण सिंह आज राज्यपाल के पद से मुक्त हो जाएंगे। क्योंकि राजस्थान में केन्द्र सरकार ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा को राज्यपाल नियुक्त किया है। लिहाजा आज कल्याण सिंह का राज्यपाल के लिए अंतिम दिन है। वह राजभवन में अपना दायित्व कलराम मिश्रा को सौंपने के बाद सीधे लखनऊ पहुंचेगे।

वह लखनऊ में भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। हालांकि इससे पहले वह अपने पौत्र संदीप सिंह के माल एवेन्यू स्थित आवास पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं  और समर्थकों को संबोधित करेंगे। कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पार्टी में उन्हें पिछड़े नेता के तौर जाना जाता है।

फिलहाल पार्टी आगामी उपचुनाव में उनका पूरा इस्तेमाल करने की रणनीति बना रही है। कल्याण सिंह की पिछड़ों में अच्छी पकड़ मानी जाती है खासतौर से लोध जाति में। राम मंदिर आंदोलन के कारण एक बार कल्याण सिंह की सरकार जा चुकी है। फिलहाल कल्याण के बेटे राजबीर सिंह सांसद हैं और उनके पौत्र उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं।

आज कल्याण सिंह के भाजपा में फिर शामिल होने के मौके पर कई नेता मौजूद रहेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह खुद उनका स्वागत कर उन्हें सोमवार को पार्टी में शामिल करेंगे। जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से हटाए गए धर्मपाल सिंह की जगह पार्टी अब कल्याण सिंह के जरिए पिछड़े वर्ग को साधेगी।