नई दिल्ली: भारत को एक सप्ताह से ज्यादा तो यह समझने में ही लग गया था कि पाकिस्तानी सिपाहियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। तीन हफ्ते बाद भारतीय सिपाहियों ने पाया कि  पाकिस्तानी फौजी सीमा पार करके उन्हें पीछे हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मौके पर बहुत से देश भारत की मदद करने से हिचकिचा रहे थे। लेकिन इजरायल भारत की पीठ पर खड़ा रहा। हालांकि कुछ देशों ने इजरायल पर यह दबाव डाला कि वह भारत की मदद नहीं करे। फिर भी इजरायल ने कुछ इस तरह भारत की मदद शुरु की। 

भारत के पास हो गई थी हथियारों की कमी
भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई होते हुए दो महीने हो गए थे। भारतीय सेना के पास हथियारों की कमी पड़ने लगी थी। भारत ने इजरायल से हथियारों की सप्लाई का अनुरोध किया। 
लेकिन इजरायल के सामने दूसी दुविधा यह थी कि अमेरिका ने इजरायल को निर्देश दिया था कि वह भारत को जरुरी हथियार इतनी आसानी से मुहैया नहीं करवाए। फिर भी इजरायल ने समय पर भारत को सभी जरुरी हथियार उपलब्ध कराए। 
इससे भारतीय सेना को दुश्मन को पीछे धकेलने में मदद मिली। पाकिस्तानी फौजियों ने ऊंचाई पर बंकर बना लिए थे। इन बंकरों में छिपे पाकिस्तानी फौजियों ने भारतीय सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया था। 
वह भारतीय सेना पर हमला करके अपने बंकरों में सुरक्षित छिप जाते थे। उनका सामना करने के लिए भारतीय सेना के पास सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइलों की कमी थी।
इसके अलावा भारतीय सेना का टोही विमान कैनबेरा पीआर 57 नष्ट हो गया था। जिसकी वजह से भारतीय सेना को हमला करने के लिए सटीक अनुमान लगाने में मुश्किल हो रही थी। उस समय अंतरिक्ष में भारतीय सैटेलाइटें भी नहीं थीं। जिनसे मिली तस्वीरों के आधार पर भारत अपनी रणनीति तैयार करता। 

इजरायल की मदद भारत के बहुत काम आई
इजरायली सेना के पास इस तरह की घुसपैठ से लड़ने का अनुभव पहले भी था। दोनों देशों ने तुरंत एक रक्षा समझौते पर दस्तखत किया। जिसके बाद इजरायल से भारत को निर्बाध रक्षा सप्लाई शुरु हो गई। इजरायल ने भारत को मानव रहित ड्रोन उपलब्ध कराए। जिसने मिली तस्वीरों के आधार पर भारतीय सेना को लक्ष्य निर्धारित करके अपनी रणनीति बनाने में मदद मिली। 

कहा तो यह भी जाता है कि इजरायल ने अपनी सैटेलाइट के जरिए भी भारत को इलाके का पूरा नक्शा उपलब्ध कराया। 

इसके अलावा इजरायल ने भारत को हवा से जमीन में मार करने वाली लेजर गाइडेड मिसाइल भी दी। जिन्हें भारत के लड़ाकू मिराज 2000 विमानों से दागा जा सकता था। इन मिसाइलों ने ऊंचाई पर बने पाकिस्तानियों के अजेय बंकरों को ध्वस्त कर दिया। जिसके बाद भारतीय सेना ने उनपर दबाव बनाते हुए घुसपैठियों को मार भगाया।