विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए विश्वनाथ गली में प्रशासन की तरफ से दुकानों और मकानों के ध्वस्तीकरण का कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री के कहने पर इस कॉरीडोर को बनाने के लिए मकानों को खाली करया जा रहा था उस तब कांग्रेस और सपा के नेता इसका विरोध कर रहे थे। विपक्ष के नेता आरोप लगा रहे थे कि सरकार विकास के नाम पर काशी की शुचिता को नष्ट कर रही है लेकिन मकानों के ध्वस्तीकरण से चौंका देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। ध्वस्तीकरण में घरों से प्राचीन मंदिर मिल रहे हैं। लेकिन एक मंदिर को देख कर लोग हैरान हैं। ये मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के जैसा ही दिखता है।

"

प्रशासन ने 182 भवनों को खरीदकर उन्हे ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। जिसमें से अब तक 40 मकानों को तोड़ा जा चुका है। इनमें से 43 छोटे-बड़े प्राचीन मंदिर मिले हैं। लेकिन एक मंदिर ऐसा मिला है जो दिखने में  बिल्कुल काशी विश्वनाथ मंदिर के जैसा ही है। ये मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर जैसी ही वास्तुकला से निर्मित किया गया है। इसमें नंदी का आकार काशी विश्वनाथ मंदिर के नंदी से बड़ा है और मंदिर में नीचे की ओर रथ बना हुआ है। मंदिर के खंभों पर कीचक भी बने हुए हैं। साथ ही जो अन्य मंदिर भी बने हुए हैं उनमें भी नायाब नक्काशी और वास्तुकला का उदाहरण देखने को मिलता है।

बताया जा रहा है कि ये मंदिर लगभग 18वीं या 19वीं शताब्दी के हो सकते हैं कुछ मंदिरों को देखकर लग रहा है कि वो लगभग हजार साल पुराने हैं।

कोरिडोर निर्माण के समय इन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा और मंदिरों के बाहर शिलापट्ट पर इतिहास लिखा जाएगा।

 आप को बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं सी सहूलियत के लिए पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर को विकसित करने का काम चल रहा है इसके लिए 269 इमारतों की पहचान की जा चुकी है। जिनका अधिग्रहण कर ध्वस्तीकरण किया जाना है। फिलहाल 182 भवनों का अधिग्रहण किया जा चुका है जिनमें से 40 मकान ध्वस्त किए जा चुके हैं। अभी112 इमारतों के अधिग्रहण व खरीदी का काम चल रहा है।

जब काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का काम शुरु हुआ तो कुछ लोगों ने बहुत जोर शोर से एक आंदोलन चलाया कि काशी की पौराणिकता को नष्ट किया जा रहा है। मोदी-योगी काशी को नष्ट कर रहे हैं। लेकिन जैसे जैसे काम आगे बढ़ रहा इस गली के अंदर छुपे एतिहासिक मंदिर और मूर्तियां मिल रही हैं। लोगों इन मंदिर पर कब्जा करके चारों तरफ से घर बना लिया था। संभावना व्यक्त की जा रही है कि कुछ मंदिरों के अवशेष पांच हजार साल पुराने भी हो सकते हैं।

 पीएम मोदी की इस परियोजना के लिए सीएम योगी ने दिसंबर 2017 में 600 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। अभी तक कुल 183 करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं।

इस योजना में जो भी परिवार, दुकानें, किराएदार आ रहे हैं उनका पुनर्वास किया जा रहा है।