आतंकवाद फैलाने के आरोप में लखनऊ जेल में बंद 24 कैदियों का बुरा हाल है। इन कैदियों को कश्मीर की जेलों में तरह-तरह की सुविधाएं मिलती थी। लेकिन यूपी की जेलों में पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। ये कैदी तरह तरह की डिमांड कर रहे हैं। अब ये कैदी अपने ही आकाओं को गरिया रहे हैं। इनका कहना है कि वो कश्मीर में मजे कर रहे हैं और ये यहां सुख सुविधाओं से वंचित हैं। अब ये कैदी अपने आकाओं से बात करना चाहते हैं और जेल अफसरों से बार बार मिन्नतें कर रहे हैं कि साहब हमारी एक मदद कर दो, हमें हमारे घरवालों सेे बात करा दो।
लखनऊ। जिन अलगाववादी नेताओं और पत्थरबाजों की जम्मू कश्मीर की जेलों में हुकूमत चलती थी। वह अब योगी की जेलों में आकर कुछ ही दिनों भीगी बिल्ली बन गए हैं। लिहाजा अब अपने आकाओं को ही गरियाने लगे हैं। लखनऊ जेल में 24 कश्मीर कैदियों का बुरा हाल है। एक तो यहां मौसम में परेशान हैं और दूसरा यहां मिलने वाला साधारण खाना उन्हें पच नहीं रहा है। फिलहाल केन्द्र सरकार का इन आतंकियों को यूपी की जेलों में भेजना का फैसला सफल रहा है।
आतंकवाद फैलाने के आरोप में लखनऊ जेल में बंद 24 कैदियों का बुरा हाल है। इन कैदियों को कश्मीर की जेलों में तरह-तरह की सुविधाएं मिलती थी। लेकिन यूपी की जेलों में पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। ये कैदी तरह तरह की डिमांड कर रहे हैं। अब ये कैदी अपने ही आकाओं को गरिया रहे हैं। इनका कहना है कि वो कश्मीर में मजे कर रहे हैं और ये यहां सुख सुविधाओं से वंचित हैं। अब इन कैदियों को अपने घर वालों की याद आ रही है। किसी को अपने बीवी बच्चो की तो किसी को मांग की याद आ रही है।
अब ये कैदी अपने आकाओं से बात करना चाहते हैं और जेल अफसरों से बार बार मिन्नतें कर रहे हैं कि साहब हमारी एक मदद कर दो, हमें अपने ऊपर के लोगों से एक बार बात करा दो। अल्लाह आपकी मदद करेगा। एक फोन करा दो ताकि हमारे नेताओं को भी मालूम चले हम किस तरह के दुख में रह रहे हैं, जिनके कारण हम लोग यहां पर आए हैं। साहब! हमारे परिवार के लोग भी परेशान होंगे। इन कैदियों को किसी को अपने बच्चे की याद आ रही है तो किसी को पत्नी की और कोई अपने परिजनों से बात करना चाहता है।
फिलहाल जेल अफसरों ने इस कैदियों को चुप रहने की नसीहत दी है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही 24 कैदियों को एयरफोर्स के विशेष विमान से लखनऊ जेल लाया गया था। इन कैदियों को हाई सिक्योरिटी बैरकों में रखा गया है और जेल मैनुवल के आधार पर खाना दिया जा रहा है। इन कैदी परेशान है और इन कैदियों से अन्य कैदी मिल भी नहीं सकते हैं। फिलहाल कुछ ही दिनों में इन कैदियों को समझ में आ गया है कि ये कश्मीर नहीं है।
ये पत्थरबाज और अलगाववादी नेता जिस तरह से भारतीय सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाते थे और उसके बाद जेल जाने के बाद इनको जिस तरह की सुविधाएं मिलती थी। वह यूपी की जेलों में तो मिलेगी नहीं। अगर इस आधार पर देखें तो केन्द्र सरकार का ये फैसला पूरी तरह से सफल हुआ है। क्योंकि कश्मीर में अभी किसी बड़े हिंसक वारदात की खबर नहीं है।
Last Updated Aug 14, 2019, 11:26 AM IST