नई दिल्ली।  प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी भारतीय वायुसेना हिंडन बेस पर अपना स्थापना दिवस समारोह का आयोजन कर रही है। इस बार भी हिंडन एयरफोर्स वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। लेकिन इस बार स्थापना दिवस कुछ खास होगा। क्योंकि भारतीय वायुसेना में इस बार एयरफोर्स के बेड़े में राफेल को भी शामिल किया गया है। जिसके कारण देश के वायुसेना की ताकत और ज्यादा बढ़ गई है और वह दुश्मनों को मुकाबला करने के लिए और ज्यादा ताकतवर हो गया है।

आज गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स पर इंडियन एयरफोर्स अपना 88 वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर रहा है। इस बार भी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले स्थित हिंडन बेस पर इस स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस बार एयरफोर्स के बेड़े में राफेल को भी शामिल किया गया है। भारतीय वायुसेना की आज के स्थापना दिवस में हिंडन एयरफोर्स परेड में 19 फाइटर जेट, 7 मालवाहक एयरक्राफ्ट और 19 हेलीकॉप्टर सहित कुल 56 एयरक्राफ्ट भाग लेंगे। वहीं परेड के दौरान राफेल और लड़ाकू विमान जगुआर के उड़ान भरेंगे।
 
कैसे हुई वायुसेना की स्थापना

जानकारी के मुताबिक भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई है और एयरफोर्स के  वायुयान ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी। हालांकि उस वक्त एयरफोर्स में बहुत कम पायलट थे। उस  वक्त प्रशिक्षित छह अफसर और 19 हवाई सिपाही भारतीय  वायुसेना  में शामिल थे। भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश शासन में वायु सेना की एक इकाई के तौर पर हुआ था और उस उक्त इसका नाम  राएएफ था। क्योंकि इसमें रा का अर्थ रॉयल था जो ब्रिटिश शासन के तहत  लिया गया था। उस वक्त  RIAF यानी रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था। हालांकि देश के आजाद होने के बाद 1950 में इसे हटा दिया गया था।   भारतीय वायु सेना का गौरवशाली इतिहास रहा है और वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी।

क्या है आदर्श वाक्य

देश के सभी सशस्त्र बलों का अपना एक आदर्श वाक्य होता है। वहीं भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य  'नभ: स्पृशं दीप्तम' है। ये गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है। इसके बारे में कहा जाता है कि महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश का एक अंश है। 

कई ऑपरेशनों को अंजाम  दे चुकी है भारतीय वायु सेना 

भारतीय वायु सेना अभी तक कई ऑपरेशनों को अंजाम दे चुकी है। वायुसेना चार युद्धों में कार्यवाई कर चुकी है। जिसमें तीन पाकिस्तान एवं एक चीन के खिलाफ लड़े गए हैं और इसमें भारतीय वायुसेना को सफलता मिली है। इसके साथ ही वायुसेना ऑपरेशन विजय- द एनेक्शेसन ऑफ गोवा, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई, सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक समेत कई ऑपरेशनों को अंजाम दे चुकी है। वहीं संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कार्यों में भी भारतीय वायुसेना सहयोग दे चुकी है।  भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। 

राफेल से बढ़ी गई है वायुसेना का ताकत

भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुके राफेल के कारण भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है और इसके लेकर भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन डरे हुए हैं। क्योंकि राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जो रडार से भी बच निकलने की क्षमता रखता है। अभी तक भारतीय वायुसेना के पास  मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई विमान थे  जो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं। वहीं राफेल को  आज दुनिया का सबसे ताकतवर विमान माना जाता है और इसकी अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है। वहीं राफेल की मारक क्षमता 3700 किमी है  और ये 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम है।