कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से लगातार दूरी बनाकर रखी है। गहलोत द्वारा कई बार मिलने का प्रयास करने के बावजूद राहुल गांधी उन्हें मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।  जबकि कल ही राहुल ने सिद्धू से मुलाकात की, लेकिन गहलोत से नहीं मिले। यही नहीं राहुल गांधी कमलनाथ को लेकर भी नाराज चल रहे हैं।

छह महीने ही कांग्रेस ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव जीता था और इसी जीत में अहम भूमिका गहलोत की भी थी। गहलोत राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं। उन्हें गांधी परिवार का भी करीब माना जाता है। लेकिन राज्य लोकसभा चुनाव में गहलोत एक भी सीट पर पार्टी की जीत नहीं दिला सके।

जबकि चुनाव से पहले वह दावे कर रहे थे कि पार्टी राज्य में सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगी। लिहाजा राज्य में कांग्रेस ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। पार्टी ने उन राज्यों में ध्यान दिया जहां पर कांग्रेस की सरकार नहीं थी। जिसका कारण कांग्रेस शासित राज्यों में पार्टी को नुकसान हुआ। पार्टी केवल पंजाब में आठ सीटें जीत पायी थी।

राजस्थान में तो कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पायी थी। यहां तक कि गहलोत के बेटे वैशव गहलोत भी जोधपुर से चुनाव हार गए। पार्टी के स्थानीय नेताओं का आरोप है कि गहलोत ने अपना पूरा ध्यान जोधपुर में ही लगा दिया था। जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

गहलोत तीन बार राहुल गांधी से मिलने का समय मांग चुके हैं। लेकिन वह गहलोत से मिलने के लिए अपनी रजामंदी नहीं दे रहे हैं। जबकि राहुल गांधी अन्य सभी नेताओं से मिल रहे हैं। जिसके कारण गहलोत परेशान हैं। उधर राज्य के नेता गहलोत को लेकर शिकायत राहुल गांधी से कर चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक गहलोत ने दो दिन से दिल्ली में डेरा डाला हुआ था। गहलोत तीन बार दिल्ली आ चुके हैं लेकिन उन्हें राहुल के घर से बैरंग लौटना पड़ा। फिलहाल गहलोत पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यालय में प्रबंधन प्रभारी मोतीलाल वोरा से मिलकर ही वापस चले गए हैं।

राहुल की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने नवजोत सिद्धू से मुलाकात की। लेकिन गहलोत मिलने के लिए समय नहीं दिया। असल में गहलोत पर ये भी आरोप लग रहे हैं कि स्थानीय नेताओं के भारी विरोध के बाद राहुल गांधी ने वैभव गहलोत को दिया था।