सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रीकृष्ण जन्म स्थान परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए उसे ‘ नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया गया है. इसके बाद अब मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान या ड्रोन उड़ नहीं पाएगा. राज्य की उच्च स्तरीय सुरक्षा समिति के निर्णय के बाद शासन की अनुमति मिलने के बाद श्रीकृष्ण जन्मस्थान एवं ईदगाह के इलाके को 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित कर दिया गया है. 

इस नियम के लागू हो जाने के बाद इस इलाके के ऊपर से न तो कोई सरकारी या निजी विमान या हेलिकॉप्टर उड़ाया जा सकेगा और न ही कोई भी व्यक्ति ड्रोन जैसा कोई भी अनमेन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) उड़ा सकेगा.  इस संबंध में जिला प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेजा था. क्योंकि कृष्ण जन्मस्थान की सुरक्षा को लेकर पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं. जो 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कोर्ट ने जारी किए थे. इन निर्देशों के मुताबिक कोई भी विमान मंदिर के ऊपर उड़ नहीं सकता है.

अब इस मामले में मथुरा प्रशासन द्वारा संपूर्ण श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर को 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित करने की संस्तुति शासन को भेजी जा चुकी है. शासन से हरी झंडी मिलते ही इस संबंध में जरूरी तैयारियां कर ली जाएंगी. असल में पिछले साल के अंत में दो दिन तक किसी अनजान व्यक्ति द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर के ऊपर लंबे समय तक ड्रोन उड़ाए जाने से जिला प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है. जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और इसके बाद इसकी सुरक्षा की समीक्षा की गयी.

इसके लिए पुराने प्रस्तावों की प्रगति तथा नए प्रस्तावों पर विचार किया गया. मंदिर के कुछ स्थानों पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे खराब स्थिति में मिले हैं. उन्हें बदलने का प्रस्ताव है और येलो जोन में भी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए 144 नए कैमरे लगवाए जाएंगे.

क्या है नो फ्लाइंग जोन....नो फ्लाइंग जोन में न तो कोई हवाई जहाज और न ही कोई विमान उड़ाया जा सकता है. इसके लिए सख्त नियम हैं. अगर कोई इसके ऊपर विमान उड़ाता है तो उसे कानूनी तौर पर सजा दी जा सकती है.