बेंगलुरु: बीजेपी नेता बी.एस. येदियुरप्पा के लिए आज खुशियां मनाने का दिन है। पिछले डेढ़ सालों से सत्ता के लिए उनका इंतजार खत्म हो गया है। वह पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें 106 लाकर भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे। जबकि कम सीटें पाने वाली जेडीएस(37) और कांग्रेस(79) ने मिलकर सरकार बना ली थी। 

कर्नाटक विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद विधानसभाध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार ने वोटिंग कराई। जिसमें कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पक्ष में 99 वोट पड़े। जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े। जिसके बाद अपना कार्यकाल पूरा किए बिना कुमारस्वामी सरकार गिर गई। 

इस बीच मुंबई में रह रहे कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक विश्वास मत से अनुपस्थित रहे। अब वह सभी बीजेपी की सरकार बनने के बाद बेंगलुरु वापस लौटेंगे। हालांकि बागियों ने इस बात से इनकार किया है कि उनके इस्तीफे और सरकार से समर्थन वापस लेने के पीछे बीजेपी की कोई भूमिका है। 

इस बीच बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। वह पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करके बातचीत करेंगे। जिसके बाद वह राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। येदियुरप्पा ने आज बेंगलुरु में बीजेपी के विधायकों की बैठक भी बुलाई है। 

इस बीच कांग्रेस-जेडीएस ने सरकार बचाने की हर संभव कोशिश की। स्पीकर के तौर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश कुमार ने विश्वास प्रस्ताव पर लंबी बहस के जरिए मामले को बहुत समय तक लटकाए रखा। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल के निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया और पूरी बहस के बाद ही विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तैयार हुए। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी अड़ गए थे। पूरे मामले के दौरान स्पीकर रमेश कुमार पर कई बार पक्षपात के आरोप भी लगे। 

लेकिन स्पीकर की इस लंबी कवायद का कोई लाभ नहीं हुआ। कुमारस्वामी सरकार अपना बहुमत खो चुकी थी, जो कि विश्वास मत के दौरान सामने आ गया।