असल में किसानों को डर है कि धान खरीद की बढ़ाई गई सीमा खत्म होने के बाद वह फसल नहीं बेच पाएंगे। राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने धान खरीद की अंतिम तिथि 15 फरवरी से बढ़ाकर 20 कर दी गई थी। लेकिन अब किसानों के पास ज्यादा समय नहीं बचा है। लिहाजा किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि धान की खरीद न होने के कारण वह बिचौलियों के हाथ धान बेचने के लिए मजबूर होंगे।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की मुश्किलें राज्य के धान किसानों ने बढ़ा दी हैं। किसान सड़क जाम करने पर अड़े हुए है। क्योंकि किसानों का कहना है कि धान के लिए किसान गिनी बैग नहीं मिल रहे हैं और धान खरीद की तारीख खत्म हो रही है। जिसके कारण उन्हें नुकसान हो रहा है। अगर राज्य सरकार ने फसल नहीं खरीदी तो उनकी फसल बर्बाद हो रही है। धान की खरीद के लिए बढ़ाई गई अवधि बीस फरवरी को खत्म हो रही है और इसके देखते हुए राज्य के किसानों ने बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय राजमार्गों में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। किसानों ने अब राजमार्गों पर चक्का जाम करने का फैसला किया है।
असल में किसानों को डर है कि धान खरीद की बढ़ाई गई सीमा खत्म होने के बाद वह फसल नहीं बेच पाएंगे। राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने धान खरीद की अंतिम तिथि 15 फरवरी से बढ़ाकर 20 कर दी गई थी। लेकिन अब किसानों के पास ज्यादा समय नहीं बचा है। लिहाजा किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि धान की खरीद न होने के कारण वह बिचौलियों के हाथ धान बेचने के लिए मजबूर होंगे। जिसके कारण उन्हें सरकार द्वारा तय मूल्य नहीं मिल सकेगा।
लिहाजा किसानों ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में राज्य राजमार्गों को जाम करना शुरू कर दिया और किसान इस धान खरीद की अवधि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले में राज्य के विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी राज्य में धान की खरीद की तिथि बढ़ाने के लिए किसानों को समर्थन दिया है। हालांकि राज्य ससरकार का कहना है कि तय फैसले के तहत ही राज्य सरकार 85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेगी और अभी तक राज्य में 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।
Last Updated Feb 19, 2020, 7:05 AM IST