राजस्थान को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को घेरा और जमकर प्रतिक्रिया दी। मायावती ने इस मुद्दे पर तीन ट्वीट किए और इसमें सीधे तौर पर कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी करार दिया। राजस्थान में बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। लेकिन सोमवार की शाम को बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी दी।

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कांग्रेस को धोखेबाज बताया है। माया ने कहा कि कांग्रेस ने विधायकों को तोड़कर गैर भरोसेमंद और धोखेबाज होने का प्रमाण दिया है। मायावती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर कांग्रेस को जमकर कर कोसा। असल में राजस्थान में कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों को तोड़कर अपने पाले में कर लिया है जबकि बसपा कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे रही थी।

राजस्थान को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को घेरा और जमकर प्रतिक्रिया दी। मायावती ने इस मुद्दे पर तीन ट्वीट किए और इसमें सीधे तौर पर कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी करार दिया। राजस्थान में बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। लेकिन सोमवार की शाम को बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी दी। बसपा विधायकों का तर्क था कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है।

आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस गैर भरोसेमंद और धोखेबाज पार्टी है। मायावती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा है कि राजस्थान में कांग्रेस ने बसपा के विधायकों को तोड़कर धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है। कांग्रेस ने दोबारा बसपा को धोखा दिया है जबकि बसपा उसे बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी। जबकि दूसरे ट्वीट में मायावते ने लिखा है कांग्रेस अपने विरोधियों से लड़ने के बजाए उन दलों को नुकसान पहुंचाती है जो उसका समर्थन करती है।

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कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी विरोधी पार्टी है। वहीं मायावती ने कांग्रेस को घेरते हुए तीसरे टवीट में लिखा है कि कांग्रेस बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की विरोधी रही है और इसके के चलते डॉ. आम्बेडकर को कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। गौरतलब है कि 2009 में भी राजस्थान में कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों को पार्टी में शामिल किया था। उस वक्त भी राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे।

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असल में पिछले कई दिनों से राजस्थान में बसपा विधायकों की अशोक गहलोत से नजदीकियां बढ़ रही थी। जिसके बाद ये माना जा रहा था कि जल्द ही विधायक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। फिलहाल राज्य में बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से अशोक गहलोत सरकार को अब किसी तरह का खतरा नहीं है। क्योंकि 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 106 विधायक हो गए हैं।