लेह। रंगों के पर्व होली से एक दिन पूर्व देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख के लेह में वीर सैनिकों के साथ होली का त्यौहार मनाया। इस दौरान उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय और फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली भी मौजूद थे।

मौसम खराब होने की वजह से सियाचिन का कार्यक्रम हुआ रद्द
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शुरूआत में होली का जश्न मनाने के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन क्षेत्र का दौरा करने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के कारण वह ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने सियाचिन में तैनात कमांडिंग ऑफिसर से फोन पर बात की और जल्द से जल्द उनसे मिलने का वादा किया।

 

रक्षा मंत्री ने कहा, 'सेना के जवान करते हैं राष्ट्रीय दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व '
इस अवसर पर जवानों और अन्य वरिष्ठ रक्षा कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, कि "अगर दिल्ली हमारी राष्ट्रीय राजधानी है, तो लद्दाख बहादुरी और वीरता की राजधानी है। होली मनाने के लिए आप सभी का दौरा करना मेरे लिए सबसे खुशी के क्षणों में से एक है। ये सियाचिन है, कोई साधारण भूमि नहीं। यह भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का एक अटल प्रतीक है। यह हमारे राष्ट्रीय दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है।

रक्षामंत्री ने जह जवानों के बच्चों और परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि "मैंने इसे पहले भी कई बार कहा है और फिर से कहूंगा कि आपकी, आपके बच्चों की, आपके माता-पिता की और आपके परिवार की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। हम इसके लिए हमेशा तैयार हैं। मुझे यहां आपको बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस परिश्रम से आप अपना तन-मन समर्पित करके इस देश के लिए काम कर रहे हैं, उसी परिश्रम से हमारी सरकार भी हमारे सशस्त्र बलों की बेहतरी के लिए काम कर रही है।

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सेनाध्यक्ष से हर त्यौहार से पहले उत्सव मनाने को कह गए रक्षामंत्री
इस अवसर पर, सिंह ने सेना प्रमुख मनोज पांडेय से वायु सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख से यह कहकर एक नई परंपरा स्थापित करने का अनुरोध किया कि जब भी कोई त्योहार आता है, तो उन्हें सीमा पर तैनात सैनिकों और सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ एक दिन पहले उत्सव मनाना चाहिए। क्योकि ये जवान गंभीर प्रतिकूलताओं के बावजूद देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा, कि कारगिल की बर्फीली चोटियों से लेकर राजस्थान के तपते रेगिस्तानों और मैदानों तक, या गहरे समुद्र में तैनात पनडुब्बी में, सेनाएं सभी बाहरी खतरों के प्रति हमेशा सतर्क और सचेत रहती हैं।

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