पुणे पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचने की बातचीत करने वालों को इंटरसेप्ट करने के महीने भर बाद ही बड़ी कार्रवाई की गई है। ये नक्सलवादियों की साजिश थी और इसको लेकर उनके बीच बातचीत भी हुई थी। इसी बातचीत की छानबीन के बाद पुलिस ने अतिवादियों के अग्रिम रणनीतिकारों के देशभर के ठिकानों पर छापेमारी की है।जिनके यहां छापेमारी हुई है उनमें वरवर राव, गौतम नौलखा, अरुण परेरा, सुधा भारद्वाज हैं। शहरी नक्सली के रूप में कुख्यात ये लोग पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थे। 


मुंबई में पुलिस ने अरुण परेरा, सुसान अब्राहम और वेरनॉन गोंजालविस के यहां पुणे पुलिस ने छापेमारी की। ना सिर्फ इनके यहां बल्की साउथ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-4 इलाके में गौतम नौलखा के यहां सुबह 6 बजे ही रेड पड़ी।


माय नेशन को सूत्रों से जानकारी मिली है कि, “ नौलखा के ग्रेटर कैलाश के घर से पुलिस उसके नौकर को लेकर उसके दूसरे आवास नेहरू एनक्लेव पहुंची। नौलखा के ग्रेटर कैलाश वाले आवास पर सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक करीब 4 घंटे तक छानबीन होती रही। इसके बाद नौलखा के नेहरू एनक्लेव वाले घर पर छानबीन हुई, जहां उनके नौकर से पूछताछ की गई। 


गौतम नौलखा नक्सलियों के प्रति अपनी सहानुभूति को लेकर बदनाम है और वामपंथी पहचान वाले जेएनयू और कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी में जाता रहता है। वहां गैर आधिकारिक सेमिनारों में शिरकत करता है।


सुधा भारद्वाज जो कि पेशे से ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता और वकील है, पुलिस ने उसके सूरजकुंड आवास पर छापेमारी करते हुए गिरफ्तार कर लिया। सुधा 31 दिसंबर 2017 को हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में पुलिस के रडार पर थी। इसके पहले दिल्ली के मुनिरका इलाके से जून में ही रोना विल्सन नाम के आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है। 


पुणे पुलिस की नजर वरवर राव की गितिविधियों पर लगातार बनी हुई थी। उसके घर पर छापेमारी हुई। इसके साथ-साथ उसकी बेटी अनाला और पत्रकार कुमारनाथ के घर पर भी पुलिस ने छापेमारी की। कुमारनाथ वरवर राव का करीबी माना जाता है। वरवर राव की गिरफ्तारी से पहले हैदराबाद में पुलिस ने घंटों पूछताछ की। राव को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने से पहले सिकदंराबाद के गांधी अस्पताल में चेकअप के लिए ले जाया गया। पुणे पुलिस ने राव की ट्रांजिट रिमांड की मांग की।


दरअसल राव की भूमिका पीएम की हत्या की साजिश रचने वालों में भी संदिग्ध है। इसको लेकर नक्सलियों ने गुप्त बातचीत की थी कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्याकांड की तरह वो अपने मंसूबों को अंजाम दें। इस बातचीत में वरवर राव का जिक्र हुआ था।


पूरे मामले में चौंकाने वाली बात तो ये रही कि तेलंगाना प्रजा फ्रंट ने राज्य के गृहमंत्री को पत्र लिखते हुए मांग की कि वरवर राव और उनके नजदीकियों के यहां हो रही छापेमारी को रोका जाए। वरवर प्रजा फ्रंट का सक्रिय सदस्य है।


पुख्ता सूत्रों ने माय नेशन को बताया कि, “इंवेस्टीगेशन में हमें जरूरी जानकारी मिलीं, इसी के आधार पर कार्रवाई की गई, सुबह से छापेमारी की गई। हम और सबूतों को हासिल करने की प्रक्रिया में हैं”।
माय नेशन संवाददाता ने उन तमाम डायरियों, लैपटॉप, पत्र-पत्रिकाओं और सबूतों को सूत्रों से जाना, समझा है जो छापेमारी में बरामद हुए हैं।