जयपुर। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में भी लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। पहले फेज में होने वाले मतदान के लिए नामांकन शुरू हो चुके हैं। दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा ने अब तक 15-15 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस लोकसभा चुनाव में एक दिलचस्प पहलू है और वह है इस लिस्ट में शामिल 4 महिला प्रत्याशी,  जिनमें से 2 महिला प्रत्याशी तो ऐसी है, जिन्होंने ने हाल के विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेली है। 

 

2 चुनाव हार चुकी ज्योति मिर्धा पर  BJP ने जताया भरोसा
राजस्थान की इन 4 महिलाओं में पहला नाम नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा का है। जिन्होंने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोगी थी, लेकिन हनुमान बेनीवाल के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2023 में वह BJP की सिपाही बनकर विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाया, लेकिन वहां भी उन्हें शिकस्त ही मिली। 

 

पाली लोकसभा के इतिहास में कांग्रेस ने पहली बार दिया महिला उम्मीदवार
दूसरा नाम कांग्रेस की संगीता बेनीवाल का है, जिन्हें पाली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। संगीता बेनीवाल दो बार राज्य बाल अधिकार संरक्षण की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वर्तमान में वह पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ताओं में से एक है। उनकी सक्रियता से प्रभावित होकर ही पार्टी ने उन्हें चुनावी रण में उतारा है। पाली लोकसभा के संसदीय चुनाव के इतिहास में पहली बार कांग्रेस पार्टी ने महिला प्रत्याशी के रूप में राज्य बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को मैदान में उतारा है। भाजपा ने भी कभी यहां से महिला प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है। 

 

2 महीने पहले चुनाव हार चुकी सबसे कम उम्र की संजना जाटव पर कांग्रेस ने लगाया दांव
तीसरी कैंडीडेट भरतपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संजना जाटव हैं। जिनकी उम्र महज 25 वर्ष है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में इन्हें कठूमर से विधायकी का टिकट मिला था लेकिन उस रण में इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने इन पर दोबारा विश्वास जताते हुए लोकसभा का टिकट थमा दिया है।

 

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटै दुष्यंत  सिंह के सामने 15 साल बाद उर्मिला जैन 
चौथा नाम कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया का है। जो प्रमोद जैन भाया की पत्नी है। इनके पति अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव में इन्होंने दुष्यंत सिंह के सामने चुनाव अखाड़े में कूदी थी, जहां इन्हें असफलता मिली थी। 

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