इंदौर। पिछले महीने इंदौर के एक अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद 8 लोगों की आंखों में रियेक्शन हो गया है। कुछ लोगों ने आंख की रोशनी तक जाने का दावा किया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हाे जाती, यह कहना मुश्किल है कि आंख की रोशनी गई है या नहीं। शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासन ने चिकित्सा सुविधा के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह जानकारी रविवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी।

विभाग ने कहा, जांच के बाद ही स्पष्ट होगी स्थिति
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कहना मुश्किल है कि इन मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है या नहीं । जांच के बाद चीजें स्पष्ट होंगी। हालांकि, अस्पताल के एक प्रबंध ट्रस्टी ने कहा कि कोई लापरवाही नहीं हुई है। उसने दावा किया कि अज्ञात कारणों से 8 मरीजों की आंखों में साइड इफेक्ट हुआ था। उन सभी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।

3 सदस्यीय टीम कर रही है मरीजों पर हुए रिएक्शन की जांच 
डिस्ट्रिक्ट ब्लाइंडनेस कंट्रोल सोसाइटी के प्रबंधक डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है। जिसने मरीजों को होने वाले दुष्प्रभावों के कारणों की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 20 मार्च को मध्य प्रदेश के चोइथराम नेत्रालय में सरकारी खर्च पर 79 मरीजों की मोतियाबिंद सर्जरी की गई थी। सर्जरी के बाद इनमें से 8 मरीजों की आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल प्रबंधन से मिली थी। 

ऑपरेशन थियेटर को कर दिया गया सील
अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया है, जहां इन मरीजों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई थी। चोइथराम नेत्रालय के मैनेजिंग ट्रस्टी अश्विनी वर्मा ने दावा किया कि मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में अस्पताल स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि शिविर में शामिल इंदौर संभाग के विभिन्न जिलों के रहने वाले 8 मरीजों की आंखों में अज्ञात कारणों से रिएक्शन हो गया था। इलाज के बाद उन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

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