2019 लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष की ओर से महागठबंधन की संभावनाओं को करारा झटका लगा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किसी महागठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। राज्यसभा में भी उपसभापति के चुनाव के दौरान गैरहाजिर रहकर आप सांसदों ने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी।

अरविंद केजरीवाल ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बनने वाले बीजेपी विरोधी महागठबंधन की तैयारी के बीच इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। हरियाणा के रोहतक में एक प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल ने ये बात कही। सवाल था कि जो गठबंधन की बातें चल रही हैं कि मोदी के ख़िला सारा विपक्ष एकजुट होगा क्या आप उसमे शामिल होंगे? इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि, “हमारी राजनीति जनता की राजनीति है, जनता के विकास की राजनीति है, जनता के हितों की राजनीति है, हमारी कोई गठबंधन की राजनीति नहीं हमारी सीधी जनता की राजनीति है”।

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पिछले कुछ समय से लगातार बीदेपी विरोधी महागठबंधन की चर्चा चल रही है और उसमें आदमी पार्टी के भी शामिल होने की चर्चा थी। बेंगलुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की शपथ ग्रहण का मौका हो या बीते शनिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ हुए यौन दुराचार के विरोध का मामला हो, केजरीवाल विपक्षी दलों के साथ जिस तरह खड़े दिखाई दिए उससे लग रहा था कि आम आदमी पार्टी महागठबंधन के हिस्सा बन सकती है। पर अब जो हालात है उसमें आम आदमी पार्टी कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रही है।

राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव से पहले भी आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसबा सांसद संजय सिंह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था विपक्षी महागठबंधन के गठन की राह में कांग्रेस सबसे बड़ा रोड़ा है। इसके बाद चुनाव के दौरान पार्टी के दो सांसद सदन में अनुपस्थित रहे थे।

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हालांकि, आम आदमी पार्टी दिल्ली में मोदी सरकार और बीजेपी के ख़िलाफ़ लगातार झंडा बुलंद किये हुए है और लगातार आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार उसकी दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दे रही। इसके अलावा रोहतक में प्रेस वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा और दिल्ली में विकास के कामों की तुलना करते हुए कहा कि विकास के कामों के आधार पर तुलना करें तो तमाम अड़चनों के बावजूद दिल्ली में हरियाणा से बहुत ज्यादा काम हुआ है।