नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे को देख महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार अलर्ट हो गई है। कहीं मध्य प्रदेश का घटनाक्रम महाराष्ट्र में न हो इसके लिए राज्य सरकार ने सभी दलों की बैठक को बुलाया है। हालांकि अभी महाराष्ट्र  की ठाकरे सरकार पर किसी तरह का सियासी संकट नहीं है। लेकिन मध्य प्रदेश में सफल हो रहे ऑपरेशन लोटस को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार अलर्ट हो गई है।

मध्य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से सियासी ड्रामा चल रहा है।  लिहाजा माना जा रहा है मध्य प्रदेश में ऑपरेशन सफल होने के बाद इसकी आंच महाराष्ट्र में आ सकती है। लिहाजा महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार सजग हो गई है। तीन दलों के सहयोग से चल रही सरकार में किसी भी तरह का विवाद न हो इसके लिए शिवसेना की अगुवाई ने सभी दलों के नेताओं के बैठक बुलाई है। महाराष्ट्र सरकार में मुस्लिम आरक्षण, सीएए, एनआरसी जैसे कई मुद्दों को लेकर सहयोगी दलों के बीच मतभेद है।

इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव को लेकर भी  किसी भी तरह का विरोध न हो इसके लिए सभी दलों ने बैठक बुलाने पर रजामंदी दी है।  फिलहाल महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार अलर्ट मोड में दिख रही है इसलिए ठाकरे ने शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की बैठक को बुलाना का फैसला किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भी भाजपा ने पहले सरकार बनाने की कोशिश की थी।  लेकिन शरद पवार ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया था।  लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश में भाजपा का ऑपरेशन सफल होता दिख रहा है। उसको देखते हुए  शिवसेना और उसके सहयोगी दल डरे हुए हैं।

क्योंकि सभी दलों के नेताओं में कैबिनेट में शामिल न किए जाने को लेकर नाराजगी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी  को अलविदा कह दिया है। जिसके कारण राज्य में राजनैतिक भूचाल आया हुआ है। जिसका असर अब पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी महसूस किया जा रहा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा- शिवसेना गठबंधन टूट गया था और शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस  के साथ सरका बनाई थी।