मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की सोमवार तड़के हुई घोषणा में भारत समर्थक विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहीम मोहम्मद सोलिह को जीत मिली है। सोहिल ने चीन की तरफ झुकाव रखने वाले निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हरा दिया है। 

सोलिह को मिली जीत से सभी आश्चर्यचकित हैं क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान वहां मौजूद पर्यवेक्षकों का आरोप था कि निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपनी जीत के लिए गड़बड़ियां की हैं।

विपक्ष को मिली इस भारी जीत के बाद चीन समर्थक माने जाने वाले निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को पद छोड़ना होगा। 54 साल के वकील और राष्ट्रपति उम्मीदवार इब्राहीम मोहम्मद ने करीब 92 फीसदी वोटों की गणना के बाद ही बाहर आकर अपनी जीत का दावा किया। उन्हें तब तक 58.3 फीसदी वोट मिले हैं। 

सोलिह की जीत की घोषणा होने के साथ ही सड़कें विपक्ष के समर्थकों से भर गई। सभी अपने हाथों में सोलिह की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पीले झंडे लिये नाच रहे थे। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद यामीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

सोलिह को विपक्ष का समर्थन प्राप्त था। रविवार को हुए चुनाव में और कोई उम्मीदवार नहीं था क्योंकि ज्यादातर लोगों को सरकार ने जेल में डाल दिया था या निर्वासित कर दिया था।

इससे पहले, देर रात सोलिह ने बढ़त मिलने के बाद यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और हार स्वीकार करने को कहा था। सोलिह ने टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में कहा था, ‘‘मैंने यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की बात कही।’’  साथ ही उन्होंने यामीन से सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करने को कहा। 

इब्राहीम मोहम्मद सोलिह की जीत का भारत ने स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'हम इब्राहीम मोहम्मद सोलिह को तहे दिल से बधाई देते हैं। यह न सिर्फ मालदीव में लोकतांत्रिक ताकतों की जीत है, बल्कि वहां लोकतंत्र और कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दिखाता है।'