कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार किसी भी ऐसे सिंबल को नहीं देखना चाहती है। जिसमें उसके विरोधी भाजपा की पहचान हो। लिहाजा पश्चिम बंगाल सरकार ने दक्षिण 24-परगना जिले में एक सरकारी-प्रायोजित प्राथमिक स्कूल ने वर्दी पर कढ़ाई किए कमल को हटाने का फैसला किया है। इसको लेकर स्कूली बच्चों के परिजनों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और इस कमल के फूल को हटाने की मांग की है। वहीं राज्य में टीएमसी समर्थकों का कहना है भाजपा इसका इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए कर रही है।

स्कूली बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि भाजपा स्कूल अधिकारियों को इस्तेमाल कर रही है और इसके लिए उन्होंने उन्हें जोड़ा है। स्कूल भाजपा के चुनाव चिन्ह को बढ़ावा देने के लिए वर्दी का उपयोग कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक रनिया फ्री प्राइमरी स्कूल स्कूल में कक्षा 1 से 4 तक के छात्रों की स्कूली ड्रेस में जो लोगो लगा है उसमें कमल का फूल है। जिसको लेकर राज्य की सत्ताधारी टीएमसी के स्थानीय नेताओं को आपत्ति है। हालांकि स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल में 2009 से इस लोगो का उपयोग किया जा रहा है और अभी तक इसका किसी ने विरोध नहीं किया।

क्योंकि कमल हमारा राष्ट्रीय फूल है। फिलहाल स्कूल प्रशासन को शिक्षा विभाग के अफसरों ने नोटिस दिया है और इस पर जवाब देने को कहा है। हालांकि अफसरों का कहना है कि नियमों के अनुसार, स्कूल के लिए सर्व शिक्षा मिशन के लोगो का उपयोग करना आवश्यक है। वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक स्थानीय नेता का कहना है कि स्कूल में हाल ही तक इस लोगो का इस्तेमाल नहीं किया जाता था जबकि स्कूल का दावा है कि ये 2009 से बना है। उनका कहना है कि ये भाजपा की साजिश है।

वहीं भाजपा का कहना है मालदा जिले में कई स्कूलों में शिक्षा विभाग के अफसरों ने दीवारों पर पेंट किए गए कमलों को हटा दिया है। जबकि स्कूलों की दिवारों पर राष्ट्रीय फूल, पशु, पक्षी और फलों की पेटिंग की गई है जबकि राज्य सरकार के आदेश पर पर केवल कमल का फूल हटाया जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि इस तरह का कोई भी आदेश स्कूलों को नहीं दिया गया है जिसके तहत स्कूलों की दिवारों से किसी भी पेंटिंग हटाने को कहा गया है।