असल में केन्द्रीय टीम के पश्चिम बंगाल में आने को लेकर राज्य में ममता बनर्जी और राज्यपाल जयदीप धनखड़ के बीच विवाद शुरू हो गया है। हालांकि इससे पहले राज्यपाल ने कोरोना संकट के बीच मंत्रियों के वेतन कटौती को लेकर सरकार को सलाह दी थी।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जयदीप धनखड़ के बीच एक बार फिर विवाद हो गया है। इस बार ममता बनर्जी ने सात पेजों का पत्र लिखकर राज्यपाल उन्हें संवैधानिक धर्म निभाने की सलाह दी है। ममता ने लिखा है कि वह राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री' हैं, जबकि वह नामित हैं।
असल में केन्द्रीय टीम के पश्चिम बंगाल में आने को लेकर राज्य में ममता बनर्जी और राज्यपाल जयदीप धनखड़ के बीच विवाद शुरू हो गया है। हालांकि इससे पहले राज्यपाल ने कोरोना संकट के बीच मंत्रियों के वेतन कटौती को लेकर सरकार को सलाह दी थी। जिसके बाद ममता और राज्यपाल के बीच उभर गया था। राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह केन्द्र सरकार के मंत्रियों और सांसदों के वेतन में कटौती गई है। उसी तरह से राज्य सरकार मंत्रियों और विधायकों के वेतन में कटौती कर कोरोना संक्रमण के कोष में धन जमा करें।
जिसका विरोध राज्य सरकार ने किया था। लेकिन अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ के हालिया पत्र, उनके बयान और केंद्रीय टीम की बंगाल यात्रा के मुद्दे पर ट्वीट का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य प्रशासन के कामकाज में बार-बार हस्तक्षेप के मुद्दे पर राज्यपाल को पत्र लिखा है। ममता ने लिखा है कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद हैं और मुख्यमंत्री भी। तो किसी अधिकार से उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखा है। ममता के पत्र के बाद राज्य में सियासत फिर गर्मा गई है।
राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच आमने-सामने की शुरुआत एक हफ्ते पहले हुई थी जब धनखड़ ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और केंद्र के साथ राज्य के असहयोग के मुद्दे पर सवाल उठाया था। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच विवाद हुआ हो। विवाद की वजह से ही ममता सरकार ने राज्यपाल को सरकारी विमान देने से मना कर दिया था। जिसके बाद राज्यपाल को कार से ही यात्रा करनी पड़ी थी।
Last Updated Apr 24, 2020, 8:25 AM IST