तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की आज कोलकाता में रैली हो रही है. इस रैली में ममता विपक्षी एकता को एक मंच पर दिखाने की कोशिश में है. यही नहीं ममता आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश में बनने वाले समीकरणों के लिए खुद का प्रधानमंत्री के पद का दावेदार साबित करने में जुटी है. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मंच पर नहीं दिखेंगे, लेकिन भाजपा के बागी नेता ममता के साथ मंच को साझां करेंगे.

असल में तीन राज्यों में मिली जीत के बाद कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया था. लेकिन इससे ममता ही नहीं मायावती और अखिलेश यादव ने भी दूरी बनाई थी.लिहाजा अब राहुल गांधी ममता की रैली से दूरी बनाकर चल रहे हैं. क्योंकि राज्य में कांग्रेस को ममता के खिलाफ ही चुनाव लड़ना है और इसके लिए वामदलों के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावनाएं बन रही हैं. लिहाजा राहुल गांधी ने इस रैली से दूरी बनाकर रखी है.

हालांकि राहुल ने अपने करीबी नेताओं को इस रैली के लिए भेजा है. ताकि लोकसभा चुनाव के बाद अगर कुछ दलों का समर्थन से वह सरकार बना सके तो ममता बनर्जी इसकी मदद करे. हालांकि ममता इस रैली को लेकर ज्यादा खुश है क्योंकि इस रैली में भाजपा के बागी नेता शामिल हो रहे हैं जो पिछले पांच साल से केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.

ममता की इस रैली में 12 राजनीतिक दलों के नेता भाग लेंगे. इस रैली में यशवंत सिन्हा,अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा, हार्दिक पटेल व जिग्नेश मेवाणी आदि नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. रैली में कांग्रेस से मल्लिकाजरुन खड़गे, अभिषेक मनु सिंघवी, सपा से अखिलेश यादव, बसपा से सतीश मिश्र, राजद से तेजस्वी यादव, रालोद के अजीत सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से शरद पवार, तेलुगु देशम पार्टी से चंद्रबाबू नायडू, जनता दल सेक्युलर से एचडी कुमारस्वामी, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला, आप के अरविंद केजरीवाल व डीएमके एमके स्टालिन आदि हिस्सा लेंगे.

हालांकि इस रैली में ओडिशा और तेलंगाना में सत्तारुढ़ बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने इस रैली से दूर रहने का फैसला किया है. जो ममता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि टीआरएस के मुखिया के.चंद्रशेखर राव खुद तीसरे मोर्चे के गठन की तैयारी में हैं. वहीं लेफ्ट फ्रंट ने इस रैली से खुद को दूर किया हुआ है.