नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्रैफिक नियमों में बढ़े हुए जुर्माने के खिलाफ ट्रांसपोर्टर्स ने हड़ताल का ऐलान ककिया है। जाहिर है इससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि कई स्कूलों ने हड़ताल को देखते हुए स्कूलों को बंद किया है। लेकिन इससे बावजूद लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

आज दिल्ली और एनसीआर के 51 ट्रांसपोर्ट यूनियन ने हड़ताल का ऐलान किया है. ये हड़ताल बढ़े हुए ट्रैफिक चालान को लेकर है। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस नियमों के साथ ही कई  ऐसे चालान कर रही है। जिसका भुगतान करना आसान नहीं है। लिहाजा इस हड़ताल के जरिए ट्रांसपोर्टर्स अपना विरोध जता रहे हैं। इस हड़ताल में ऑटो और कैब भी शामिल हैं। जिसके कारण  मेट्रो और बसों में भीड़ देखने को मिलेगी। बच्चों की दिक्कतों को देखते हुए कई स्कूलों ने आज बच्चों की छुट्टी की है।

लेकिन आम लोगों को तो दिक्कत से रूबरू होना ही पड़ेगा। यही नहीं हड़ताल का असर आजादपुर फल और सब्जी मंडी पर भी देखने को मिलेगा और यहां पर फल और सब्जियों की आवक कम होगी। हड़ताल और चक्का जाम का ऐलान दिल्ली-एनसीआर की 51 ट्रांसपॉर्ट यूनियन ने किया है। यही नहीं ठेके पर चलने वाली गाड़ियों के मालिकों ने भी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। जिसके बाद हालात और बिगड़ सकते हैं. यही नहीं इस हड़ताल को ऑटो-टैक्सी और मिनी बसों की यूनियन ने भी  समर्थन दिया है।

बस और मेट्रो में रहेगा दबाव

प्राइवेट बस ऑपरेटर्स और टैक्सी का असर मेट्रो और बसों में देखने को मिलेगा। क्योंकि हड़ताल के कारण यातायात का एकमात्र साधन सरकारी बसें और मेट्रो होंगी। दिल्ली और एनसीआर में जानकारी के मुताबिक करीब 25 हजार कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसें चलती हैं। जिसके जरिए लोग आसपास के जिलों से सफर करते हैं और दिल्ली आते हैं। लेकिन हड़ताल के कारण सरकारी बसों में इसका दबाव देखने को मिलेगा। वहीं छोटी दूरी के लिए बसों का इस्तेमाल करने वालों के लिए यातायात का एकमात्र सहारा मेट्रो होगी और इसके कारण मेट्रो में भारी भीड़ देखने को मिल सकती है।