लाइव टीवी डिबेट के दौरान महिला वकील पर हाथ उठाने वाले मौलाना एजाज अरशद कासमी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फरहा फ़ैज ने गौतम बुद्ध नगर के सेक्टर 20 थाने में मौलाना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मंगलवार को घटना के बाद ही आरोपी मौलाना को टीवी स्टूडियो से हिरासत में ले लिया था। 

उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कासमी से पल्ला झाड़ लिया है। बोर्ड की ओर एक ट्वीट में कहा गया कि वह निजी हैसियत से बहस में शामिल हुए थे। वह हमारे आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर  पर वहां नहीं गए थे। बोर्ड ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। यह अपनी रिपोर्ट हाजी मौलाना राबे हसनी नदवी को देगी। इसके आधार पर ही एजाज कासमी के बारे में फैसला लिया जाएगा। 

एक अप्रत्याशित घटना में खुद को मुसलमानों का प्रतिनिधि बताने वाले मौलाना कासमी ने टीवी डिबेट के दौरान मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील पर हाथ उठा दिया था। फरहा फ़ैज तीन तलाक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। टीवी स्टूडियो में महिला से मारपीट का यह वीडियो वायरल हो गया है। हालांकि वीडियो में कुछ भी स्पष्ट सुना नहीं जा रहा है लेकिन देखा जा सकता है कि फ़ैज मौलाना की किसी बात के विरोध में अपना हाथ ऊपर करती हैं तो कासमी उन्हें पीटने लगते हैं। 

फरहा फ़ैज ने बताया, 'कासमी ने बहस के दौरान मेरे लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। जब मैंने विरोध के लिए अपना हाथ ऊपर किया तो वह हिंसक हो गए। उन्होंने मेज पर रखा पानी का गिलास भी फेंक दिया। बहस में मौजूद यासीन ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद भी कासमी मुझे मारने की कोशिश करते रहे।'

टीवी चैनल के सूत्रों ने 'माय नेशन' को इस बात की पुष्टि की है कि कासमी ने पैनल के दूसरे लोगों के सामने फरहा फ़ैज के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कासमी से पल्ला झाड़ लिया। बोर्ड की ओर एक ट्वीट में कहा गया कि वह निजी हैसियत से बहस में शामिल हुए थे। वह हमारे आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं हैं।

ऐसा पहली बार नहीं कि तीन तलाक के मुद्दे पर अपना पक्ष रखने वाली फरहा फ़ैज के लिए खुलेआम अपशब्द कहे गए हों। इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद ने भी कथित तौर पर इस साल 17 मई को एक स्टूडियो में उनके खिलाफ निजी टिप्पणियां की थीं। इसके बाद उन्होंने गौतम बुद्ध नगर के एसएसपी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। 

'माय नेशन' ने कई बार मौलाना कासमी से उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन उनका फोन बंद था।