लखनऊ:  उत्तर प्रदेश से 10 सीटें जीतने के बाद मायावती के हौसले बुलंद हैं। अब वह दिल्ली की तरफ देख रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने जीत के बाद अपनी पार्टी दिल्ली में अपनी पार्टी की पहली बैठक करने का फैसला किया है। 

इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी के नवनिर्वाचित सभी सांसद, लोकसभा प्रत्याशी, जोन इंचार्ज और जिलाध्यक्ष को शामिल रहने का आदेश दिया गया है। खबर है कि मायावती इस बैठक में अपनी चुनावी रणनीती की समीक्षा करेंगी। इसके साथ ही भविष्य की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा। 

मायावती ने अपनी पार्टी के सभी प्रतिनिधियों से हर सीट का ब्यौरा लेकर आने के लिए कहा है। इन आंकड़ों के आधार पर मायावती अपनी पार्टी के चुनावी प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी। बताया जा रहा है कि इस दौरान मायावती अपनी पार्टी के लोगों से भविष्य की गठबंधन राजनीति पर चर्चा भी कर सकती हैं। 

चुनावी समीक्षा के दौरान मायावती उन बसपा नेताओं पर विशेष ध्यान देंगी, जिनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतें आई थीं। 

पार्टी विरोधी लोगों के खिलाफ मायावती का रुख बड़ा सख्त रहा है। हाल ही में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निकाल दिया था। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के एक पूर्व विधायक इकबाल अहमद ठेकेदार को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। 

इस बार के चुनाव में मायावती ने यूपी की 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से उन्हें 10 सीटों पर सफलता हासिल हुई। इस जीत ने बहुजन समाज पार्टी को जीवनदान दे दिया है। क्योंकि पिछली बार की लोकसभा में उसे एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली थी। जिसके बाद से मायावती की राजनीति खत्म होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन इस बार 10 सीटें जीतकर मायावती आगे की योजनाएं बनाने में जुटी हैं।