हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले में बुधवार को वायुसेना का एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान पठानकोट एयरबेस से नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। इस विमान को स्क्वॉड्रन लीडर मीत उड़ा रहे थे। हादसे में उनकी भी मौत हो गई।  हादसा दोपहर 1.21 बजे कांगड़ा के पट्टा जाटियां के समीप हुआ। हादसे के बाद विमान का मलबा एक बड़े इलाके में बिखर गया। वायुसेना के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। 

वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी के आदेश दे दिए गए हैं। इससे पहले, कश्मीर के अनंतनाग जिले में भी 27 मई को एक मिग-21 विमान हादसे का शिकार हो गया था। 

चार साल में 24 हादसे...
रक्षा राज्यमंत्री ने बुधवार को संसद में  बताया कि पिछले चार साल के दौरान (नौ जुलाई, 2018) तक वायुसेना के 24 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। इनमें वायुसेना ने अपने 39 अधिकारियों को खोया है। उधर, सेना ने भी चार साल में हुए पांच विमान हादसों में अपने 4 पायलटों को खोया है। 

हाल ही में गुजरात के जामनगर जिले में एक जगुआर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में एयर कोमोडोर रैंक के अधिकारी की मौत हो गई थी। साठ के दशक के मिग विमान भारतीय वायुसेना का हिस्सा हैं। माना जा रहा है कि 2024 को इन्हें सेवा से हटा लिया जाएगा। वायुसेना में सुखोई-30 के आने से पहले मिग विमान ही भारतीय वायुसेना की जान कहे जाते थे।