नई दिल्ली। कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए अपने मंत्रियों को कई तरह की जिम्मेदारी दी है। मंत्रियों को रोज प्रधानमंत्री कार्यालय में रिपोर्ट करने का आदेश दिया है। लिहाजा केंद्रीय मंत्री कोरोनोवायरस के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए देश भर में उठाए जा रहे कदमों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उठाए जा रहे उपायों पर दैनिक रिपोर्ट पीएम को देंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन की तालाबंदी की घोषणा के बाद यह कवायद की गई है।ताकि लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। अगर कोरोना वायरस का देश में प्रसार रूक जाएगा तो लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त हो सकता है।  कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के  नियम को लागू करने को कहा गया है। इस सप्ताह के शुरू में कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया था।  

जिसके तहत राज्यों के प्रभारी मंत्रियों को दैनिक आधार पर स्थिति की जानकारी पीएमओ देनी होगी। बड़े राज्यों और बड़ी आबादी वाले राज्यों के लिए दो या दो से अधिक मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है।  केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान संयुक्त रूप से अपने बिहार की जिम्मेदारी दी गई और ये मंत्री राज्य का जमीनी हकीकत का जायजा लेंगे और सुविधाएं मुहैया कराएंगे  और इसकी रिपोर्ट पीएम को देंगे। जिन मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है  वह हर जिले के डीएम या डीसी के संपर्क में रहेंगे और जमीन पर स्थिति का जायजा लेंगे।

इसके साथ ही मंत्री राज्यों के साथ राज्यों के बीच तालमेल बनाएंगे। मंत्री सामुदायिक रसोई, अस्पतालों में तैयारी, दवाओं की उपलब्धता, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और मास्क और सैनिटाइटर की उपलब्धता की रिपोर्ट  पीएमओ को देंगे। पीएमओ के आदेश पर झारखंड की जिम्मेदारी मुख्तार अब्बास नकवी, महाराष्ट्र की नितिन गडकरी और प्रकाश जावड़ेकर, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की निर्मला सीतारमण, अरुणाचल प्रदेश की किरेन रिजिजू, असम की जनरल वीके सिंह, उत्तर प्रदेश की राजनाथ सिंह, महेंद्र पांडे, संजीव बाल्यान और कृष्णपाल गूजर और हिमाचल प्रदेश की हरसिमरत कौर बादल को दी गई है।