लखनऊ। यूपी के महाराजगंज जिले की नौतनवा सीट से दबंग निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बिजनौर के नजीबाबाद में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के कर्म में जाने को लेकर पास बनाया था। लेकिन इस पास को लेकर वह लॉकडाउन के बीच दस लोगों के साथ बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन करना चाहते थे।  लेकिन चमोली के जिला प्रशासन ने उन्हें सीमा से लौटा दिया। जब बात की खबर मीडिया में फैली तो वापसी में त्रिपाठी को बिजनौर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि त्रिपाठी को पास जारी करने को लेकर उत्तराखंड के बड़े अफसर का भी नाम आ रहा है।

इस मामले सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम आने के बाद राज्य सरकार के  प्रवक्ता ने समाचार को असत्य, भ्रामक एवं आधारहीन बताया। प्रवक्ता का कहना है कि विधायक ने भ्रामक रूप से तथ्यों को मुख्यमंत्री के साथ जोड़ा और ये अपराध है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि विधायक उत्तराखंड जाने  के लिए न तो मुख्यमंत्री ने और न ही राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया गया था। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को झूठी खबर दी थी।

उधर हरिद्वार पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक विधायक और उनके समर्थकों ने हरिद्वार के रोड़ीबेलवाला बैरियर पर कार रोकने पर पुलिस चौकी पर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने विधायक समेत दो लोगों की कार का चालान किया और दोनों के लाइसेंस जब्त कर दिए। हालांकि यूपी की सीमा में प्रवेश करते ही  बिजनौर में विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि त्रिपाठी के पास उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा जारी अनुमति पत्र था।

लिहाजा अब उनकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इसको लेकर अब उत्तराखंड सरकार ने अफसरों की बड़ी चूक मानी है।  राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अफसरों की चूक किस स्तर पर हुई इसकी जांच की जा रही है।