मॉब लिंचिंग की ये घटना शुक्रवार रात की है। भीड़ के हमले में अकबर की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक भीड़ के हमले में मारे गए अकबर के साथी असलम ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम हैं।

अलवर पुलिस के मुताबिक अभी तक ये साफ नहीं सका है कि दोनों गो-तस्कर थे या नहीं। मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की गई है। और कौन से लोग इसमें शामिल थे उनकी शिनाख्त की जा रही है। पुलिस का दावा है कि जिन लोगों ने भी इस वारदात को अंजाम दिया है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि यह मामला ऐसे समय पर आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट महज चार दिन पहले ये टिप्पणी करते हुए कहा था कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस बाबत व्यवस्था बहाली के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि संसद इसके लिए कानून बनाए, जिसमें भीड़ द्वारा हत्या के लिए सजा का प्रावधान हो.

गोरक्षा के नाम पर मौत के मामले में सुनवाई के दौरान CJI दीपक मिश्रा ने कहा था कि मॉब लिंचिंग जैसी हिंसा की वारदातें नहीं होनी चाहिए चाहे कानून हो या नहीं। कोई भी ग्रुप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता। ये राज्यों का दायित्व है कि वो इस तरह की वारदातें न होने दें।

वारदात पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान सरकार ऐसी क्रूर वारदातों पर रोक लगाने में अक्षम है। यहां किसी आदमी के जीवन की कोई कीमत नहीं है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में व्यवस्था बहाली का निर्देश दिया था।

हत्या के बाद पीड़ित पिता ने न्याय की मांग की है। अकबर के पिता सुलेमान ने फरियाद करते हुए कहा है कि मामले में सारे दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा हो।
 

बताते चलें कि इसी हफ्ते केरल का कोल्लम भी ऐसी ही एक जघन्य वारदात का गवाह बना था, जहां मुर्गी चुरान के आरोप में माणिक सरकार नाम के शख्स को बुरी तरह पीटा गया था। सरकार के सिर में गंभीर चोट आई जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

प्रवासी मजदूर माणिक बाजार से मुर्गी खरीद कर लौट रहा था इसी  दौरान दो आरोपियों आसिफ और शशिधर कुरुप ने उसे मुर्गी चुराने की बात कह कर रोक लिया। माणिक लगातार इन आरोपों से इनकार करता रहा। बावजूद इसके दोनों आरोपियों ने माणिक को नहीं बख्शा और पीटते रहे।