आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने आम जनता को राहत दी है। मोदी सरकार बजट में आम जनता को टैक्स में बड़ी राहत दी थी। अब मोदी सरकार ने ईपीएफओ की ब्याज दरों में इजाफा किया है। अब वर्तमान वित्तीय वर्ष में पीएफ पर ब्याजदर 8.55 से बढ़कर 8.65 फीसदी हो गयी है। लिहाजा अब .10 फीसदी की बढ़ी हुई ब्याज दरों का फायदा इसी वित्त वर्ष में होगा।

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.65 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देने का निर्णय किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह ब्याज दर 8.55 प्रतिशत वार्षिक थी। ईपीएफओ के केन्द्रीय बोर्ड से इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसे सरकार के पास भेजा जाएगा। जिसके बाद इसके लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। गुरुवार को ही ईपीएफओ के न्यासियों के केंद्रीय बोर्ड के सभी सदस्यों ने यहां एक बैठक में यह निर्णय लिया। वहीं अब वित्त मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद ब्याज को उपयोक्ताओं के खाते में डाल दिया जाता है।

वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने पांच साल का सबसे कम ब्याज दिया जो 8.55 प्रतिशत था। इससे पहले 2016-17 में यह दर 8.65 प्रतिशत, 2015-16 में 8.8 प्रतिशत, 2014-15 और 2013-14 में 8.75 प्रतिशत थी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक ब्याज दरों को 8.75 फीसदी करने का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखा गया था। लेकिन ज्यादातर सदस्यों ने 8.65 फीसदी पर अपनी मोहर लगायी। गौरतलब है कि श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है।

जो हर साल वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर पर निर्णय लेता है। बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा। हर साल बोर्ड की बैठक वित्त वर्ष के खत्म होने के वक्त होती है और उसकी आधार पर खाताधारक के खाते में ब्याज दिया जाता है।