लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आज से तीन दिवसीय विधानमंडल सत्र शुरू हो रहा है। लेकिन इस सत्र में 65 वर्ष के ऊपर के विधायक सत्र में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।. हालांकि ये सदस्य वर्चुअल भागीदारी करेंगे। कोरोना संकट को देखते हुए विधानसभा सचिवालय ने ये  फैसला किया है। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से अनुरोध किया था और जिसे उन्होंने मान लिया है।

राज्य सरकार का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य सरकार के उस अनुरोध पर सहमति दे दी। जिसके तहत राज्य सरकार ने कहा था कि जो विधायक बीमार हैं या फिर जिनकी उम्र 65 साल  से ज्यादा है उन्हें वर्चुअल भागीदारी से ही उन्हें उपस्थित मान लिया जाए। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा विधानमंडल दल के साथ वर्चुअल बैठक और मानसूत्र सत्र के मुद्दों पर चर्चा की। सीएम योगी ने विधायकों से कहा कि पार्टी विधायक सदन में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करे और शांति और धैर्य से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लें।

वहीं उन्होंने कहा कि जो विधायक 65 वर्ष या इससे अधिक आयु के हैं और जो विधायक अस्वस्थ हैं वह सदन में आने के बजाय वर्चुअल हिस्सेदारी करें। ऐसे विधायक लिखकर विधानसभा सचिवालय को जानकारी भेज दें, उनकी उपस्थिति मान ली जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि परिस्थितियां काफी प्रतिकूल हैं और संवैधानिक बाध्यता के चलते सदन की बैठक बुलाना आवश्यक है।  लिहाजा सभी से उम्मीद की जा ती है कि वह सहयोग करें।

राज्य में कोरोना से दो कैबिनेट मंत्रियों की मौत

राज्य में कोरोना के लगातार मामले सामने आ रहे हैं और अब तक राज्य में भाजपा सरकार ने दो कैबिनेट मंत्रियों को खो दिया है।  इन मंत्रियों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। सीएम योगी ने  कहा कि सदन में एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखें और एक-एक सीट छोड़कर बैठें।  सभी विधायकों को कोविड जांच कराने के बाद ही सदन में आने को कहा गया है। इसके साथ ही कोरोना के लिए जारी गाइडलाइन के तहत सदन में आने को कहा है।