शहीद राजेन्द्र सिंह नेगी 11 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे और इस साल गुलमर्ग में हिमस्खलन और बर्फीले तूफान के कारण फिसलकर पाकिस्तान के बॉर्डर की तरफ गिर गए थे। सेना ने उनकी काफी खोजबीन की, लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया था।
देहरादून। हिमस्खलन के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा पर लापता हुए 11 गढ़वाल राइफल्स के जवान राजेन्द्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर 15 अगस्त को श्रीनगर के गुलमर्ग में बर्फ के नीचे दबा मिला। वह आठ महीने से गायब थे और सेना ने उन्हें शहीद घोषित कर दिया था। अब शरीर मिलने के बाद उनके परिजनों को सौंपा जाएगा और उसका टेस्ट किया जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नेगी के बलिदान को नमन किया है और कहा कि उनके परिवार के साथ राज्य सरकार हमेशा खड़ी है।
जानकारी के मुताबिक देहरादून निवासी शहीद राजेन्द्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के गुलमर्ग इलाके से बरामद हुआ है। वह आठ महीने से गायब थे और सेना ने उन्हें शहीद घोषित किया था। फिलहाल शव मिलने के बाद जम्मू में सेना के बेस अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। वहीं पूरी प्रक्रिया में दो दिन का समय लगने की संभावना है और उसके बाद 18 अगस्त तक उनका शव देहरादून लाया जाएगा। देश के बहादुर सैनिक का शव मिलने के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
शहीद राजेन्द्र सिंह नेगी 11 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे और इस साल गुलमर्ग में हिमस्खलन और बर्फीले तूफान के कारण फिसलकर पाकिस्तान के बॉर्डर की तरफ गिर गए थे। सेना ने उनकी काफी खोजबीन की, लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया था। इसके बाद बाद पिछले महीने सेना ने उन्हें शहीद घोषित कर दिया था। हालांकि हवलदार राजेंद्र सिंह की पत्नी राजेश्वरी और उनके परिजनों का कहना था कि वह सीमा पर तैनात थे ये भी हो सकता है कि हिमस्खलन की चपेट में आकर वह सीमा पार चले गए हों।
Last Updated Aug 17, 2020, 7:49 AM IST