बरेली। यूपी में गोवंश के भरण पोषण के लिए अनूठी मुहिम शुरु हो रही है। शहरों के हर घर में बनने वाली पहली रोटी और आटे का चोकर गाय के नाम से निकाला जाएगा। गोवंश को गोद लेने के लिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। इस सिलसिले में अभियान चलाया जाएगा। गोवंश को गोद लेने वाले गो प्रेमियों को मासिक और सालाना फीस देनी होगी। उस धनराशि से गोवंश के लिए नमक, चोकर, गुड़, हरा चारा की खरीद होगी। गौ-ग्रास सेवा योजना के तहत यह अभियान चलेगा।

गोवंश के स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज का प्लान

सिर्फ शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी गोवंश के स्वास्थ्य परीक्षण, इलाज की भी योजना बनी है। गौशाला की आय बढ़े, इसके लिए बायो गैस, कम्पोस्ट खाद, गोमूत्र आदि उत्पादों को बनाकर बिक्री की जाएगी। नगर निगम के अफसर योजना के तहत अभियान चलाने और आम लोगों को जागरुक करने की तैयारी कर रहे हैं।

गोवंश के भरण-पोषण के लिए शहरी लोगों का योगदान होगा शामिल

पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. आदित्य तिवारी का कहना है कि नगर क्षेत्र में कान्हा गौशाला का संचालन किया जा रहा है। नगर निगम खुद अपने संसाधनों से गौशाला चला रहा है। शासन से अनुदान के रूप में भी कुछ धनराशि प्राप्त होती है। अब शासन ने गोवंश के भरण पोषण के लिए शहर के हर नागरिक के योगदान को शामिल किया है।

शहर से लेकर गांवों तक चलेगा गोद लेने का अभियान

नगर निगम गोवंश को गोद लेने के सिलसिले में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक अभियान चलाएगा। ताकि गोवंश के पालन में कोई दिक्कत न हो और गौशालाओं को चलाने का बोझ नगर निकायों पर न पड़े। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मुहिम से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है। अभी नगर निगम क्षेत्र में यह अभियान शुरु हो रहा है। पार्षदों और जनप्रतिनिधियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। चोकर और रोटी एकत्रित की जाएगी। गोवंश को गोद लेने वाले गो प्रेमियों को मासिक 600 रुपये और सालाना 7200 रुपये धनराशि देनी होगी।

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