लखनऊ। तीन तलाक के मामले आने के बाद अब लखनऊ में एक अलग मामला सामने आया है। यहां एक पति अपनी पत्नी पर रोज अत्याचार करता था और तीन तलाक की धमकी देता। लेकिन अब महिला ने ही पति को खुला देकर रिश्ता तोड़ दिया है। ये मामला लखनऊ में चर्चा बना हुआ है। हालांकि धार्मिक गुरूओं का कहना है कि जिस तरह से मर्द को तलाक देने का अधिकार है वैसे ही महिला को खुला देने का अधिकार है।

जानकारी के मुताबकि राजधानी लखनऊ में एक मुस्लिम महिला रेशमा सिद्दीकी ने अपने शौहर के शोषण से तंग आकर उसे तलाक दे दिया है। मुस्लिम धर्म मे इस तरह के तलाक को खुला कहते हैं। जो महिला अपने पति को दे सकती है। इसके लिए रेशमा ने लखनऊ में बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने पति को खुला दिया।

रेशमा का कहना है कि मैं अपने पूरे होशो हवास में अपने शौहर को खुला दे रही हूं और मैं इसकी घोषणा करती हूं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित महिला रेशमा ने बताया कि मुस्लिम रीति-रिवाज से उसका निकाह 4 फरवरी 2006 में शाहिद सिद्दीकी के साथ हुआ था। शादी के बाद से दोनों की एक बच्ची भी हुई और जिसकी आयुक 10 साल है।

उसने बताया कि उसका पति उसे प्रताड़ित करता है और जिससे वह परेशान हो चुकी है। उस पर बार बार अत्याचार किया जा रहा है और अब इसे सहन करना मुश्किल हो गया है। इस वजह से वह अपने होशो हवास में पति शाहिद सिद्दीकी को खुला दे रही है। प्रेस कांफ्रेंस में सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन भी मौजूद थी।

उन्होंने कहा कि मैं रेशमा सिद्दीकी के इस कदम का समर्थन करती हूं। नाइश हसन ने इस तरह के मामलों में जागरूकता जरूरी है और महिलाएं अपने अधिकारों को समझ और जानें। ताकि वह स्वतंत्र जीवन यापन कर सकें। क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम औरतें ये समझती हैं कि तलाक देने का अधिकार केवल पुरूष को है।

जबकि ऐसा नहीं है और इस्लाम में महिला को खुला देने का अधिकार दिया है। इस बारे में मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि जिस तरह से मर्द औरत को तलाक दे सकता है वैसे ही महिला अपने मर्द को खुला दे सकती हैं।