नासा की ओर से कर्मशियल क्रू प्रोग्राम 2019 चिल्ड्रन आर्ट वर्क कैलेंडर लांच किया गया है। इसके कवर पेज पर उत्तर प्रदेश की 9 साल की दीपशिखा का बनाया चित्र है। दीपशिखा के अलावा भारत के तीन और बच्चों के चित्रों को इसमें जगह दी गई है। ये बच्चे महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हैं।
नासा के सालाना कैलेंडर में इस बार भारतीय बच्चों का कल्पना संसार छाया हुआ है। नासा की ओर से कर्मशियल क्रू प्रोग्राम 2019 चिल्ड्रन आर्ट वर्क कैलेंडर लांच किया गया है। इसके कवर पेज पर उत्तर प्रदेश की 9 साल की दीपशिखा का बनाया चित्र है। इस कैलेंडर में साल के 12 महीनों के लिए अलग-अलग बच्चों के आर्ट वर्क को प्रयोग किया है। खास बात यह है कि दीपशिखा के अलावा भारत के तीन और बच्चों के बनाए चित्रों को इसमें जगह दी गई है। दो अन्य बच्चे महाराष्ट्र और एक तमिलनाडु से हैं। नासा द्वारा तैयार किया गया ये कैलेंडर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। कवर पेज पर दीपशिखा की पेंटिंग है। इसमें एक बच्ची पृथ्वी पर खड़ी है और अंतरिक्ष यात्री को अलविदा कह रही है।
तमिलनाडु के 12 साल के थेमुकिलिमन की पेंटिंग का थीम फूड है। उन्होंने इससे आग्रह किया है कि अंतरिक्ष यात्री सब्जियां उगाएं। इससे उनकी डाइट में न्यूट्रिशन की मात्रा बढ़ेगी और यात्रियों को पृथ्वी पर रहने जैसा अहसास होगा। नासा ने 19 दिसंबर को 2019 चिल्ड्रन आर्टवर्क कैलेंडर जारी किया है।
महाराष्ट्र के 10 साल के इंद्रयुद्ध और आठ साल के श्रीहन की रचना लिविंग एंड वर्किंग इन स्पेस थीम पर है। इसमें उन्होंने बताया है कि करीब 20 साल तक अंतरिक्ष यात्री स्पेस में काम करते हैं। वहां वो सभी चीजें होती हैं, जो पृथ्वी पर की जाती हैं, मसलन, सोना, खाना और मेहनत करना। अंतरिक्ष यात्री कसरत भी करते हैं। दरअसल, दोनों ने यह बताने की कोशिश की है कि पृथ्वी, चांद और मंगल से दूर रहकर भी जीवित रहा जा सकता है।
नासा की ओर से कहा गया है कि इस आर्टवर्क का आयोजन इसलिए किया गया ताकि बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर उत्सुकता पैदा हो। भविष्य के अंतरिक्ष वैज्ञानिक, इंजीनियर प्रोत्साहित हों।
Last Updated Dec 24, 2018, 7:27 PM IST