मोदी सरकार द्वारा शुक्रवार को घोषित किए पुरस्कारों को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है. विपक्षी दल जहां पुरस्कारों के लिए केन्द्र की मोदी सरकार राजनीति का साधने के लिए पुरस्कार देने का आरोप लगा रहे हैं तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन व प्रसिद्ध लेखिका गीता मेहता ने सरकार की तरफ से दिया गया 'पद्म श्री' सम्मान ठुकरा दिया है. गीता का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले पुरस्कार दिया जाना राजनीति से प्रेरित लग रहा है.

शुक्रवार की शाम को केन्द्र सरकार ने भारत रत्न, पद्मविभूषण और पदम श्री पुरस्कारों की घोषणा की. आम आदमी पार्टी समेत कई राजनैतिक दलों ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रणव मुखर्जी को संघ की शाखा में जाने के लिए भारत रत्न से नवाजा. वहीं अन्य राजनैतिक दलों का कहना है कि नाना जी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने के साथ ही भाजपा अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है. वहीं लेखिका गीता मेहता को पदम श्री देने के बाद उन्होंने पदम श्री पुरस्कार को लेने से साफ मना कर दिया है. गीता का कहना है कि लोकसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले दिए गए इस सम्मान से गलत संदेश जाएगा. 

गीता का कहना है कि मैं इस बात से बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं कि सरकार ने मुझे पद्म श्री जैसे सम्मान के लायक समझा, लेकिन मुझे बहुत ही अफसोस के साथ इसे लेने से मना करना पड़ रहा है. क्योंकि देश में आम चुनाव नजदीक हैं. गीता को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म श्री के लिए चुना गया है. खास बात ये है कि गीता ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन हैं जानी मानी लेखिका हैं. वैसे तो गीता न्यू यॉर्क में रहती हैं और वह भारतीय नागरिक हैं और भारतीय पासपोर्ट रखती हैं. केन्द्र सरकार ने उन्हें विदेशी कैटेगरी में ये पुरस्कार दिया है.