नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान में है। वहां इमरान खान की सरकार बनी है। सिद्धू ने वहां कविता गाई है, हिंदुस्तानी जीवे, पाकिस्तान जीवे। वो कमर बाजवा से गले मिल रहे हैं। इधर राष्ट्रनेता अटलजी को खोकर देश शोक में है।
2004 के आम चुनाव से पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार और शाइनिंग इंडिया के नारों के बीच हर नेता की बस एक ही ख्वाहिश थी कि उसे बस कमल का ही सहारा मिले। ये अलग बात है कि चुनाव नतीजे इसके उलट रहे। इसी दौरान पंजाब के अमृतसर से उस क्रिकेटर को मौका मिला जो मैदान से लेकर निजी जीवन तक में विवादों के घेरे में आया, पर उसी वाकपटुता उसकी सबसे बड़ी ताकत है। नवजोत सिंह सिद्धू का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है।
नवजोत सिंह सिद्धू को दिवंगत राष्ट्रनेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ही अमृतसर की सीट से संसदीय चुनाव लड़ने का मौका दिया। 2004 चुनावों में बीजेपी तो अच्छा नहीं कर सकी। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार बनी लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू सांसद बनकर लोकसभा जरूर पहुंच गए। वो बीजेपी और वाजपेयी की शान में हमेशा मुखर रहे लेकिन समय ने करवट बदली और सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा।
रोडरेज के केस में 2006 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाए जाने पर सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अमृतसर लोकसभा सीट पर फरवरी 2007 में उपचुनाव हुआ और सिद्धू एक बार फिर भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने ही सिद्धू के लिए वोट की अपील की थी और यहां अपना आखिरी चुनावी भाषण दिया था।
सिद्धू के राजनीति जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी का अहम योगदान माना जाता है। सिद्धू पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वो बीजेपी से राज्यसभा सांसद थे। फिल्हाल वो पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
आज सोशल मीडिया पर ये सवाल छाया हुआ है कि जिस राजनेता ने सिद्धू के राजनीतिक जीवन को संवारा उसके लिए नवजोत सिद्धू ने क्या किया। आपको रूबरू करवाते हैं सवालों से और सिद्धू साहब की अदाओं से।
शपथ ग्रहण समारोह में मीडिया से बात करते सिद्धू:
Indian cricket star Navjot Singh Sidhu at the oath-taking ceremony for PM-elect Imran Khan.
— Dawn.com (@dawn_com) August 18, 2018
Khan will officially become Pakistan's 22nd #PrimeMinister shortly. pic.twitter.com/EtNawL4HSj
जिस वक्त दिल्ली की सड़को पर अटलजी की अंतिम यात्रा निकली थी, उसी के आस-पास नवजोत सिंह वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान में दाखिल हुए। उस वक्त मीडिया से जो कहा:
Navjot Singh Sidhu reached Pakistan through wahga border lahore. Listen what he has to say on arrival.#NavjotSinghSidhu #PTI #ImranKhan @sherryontopp @TimesNow pic.twitter.com/K7dgYGQ3EQ
— Ali Arif 🇵🇰 (@i_aliarif) August 17, 2018
सिद्धू के विरोधियों ने मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। उनके पाकिस्तान पहुंचते ही उनपर हमला शुरू हो गया।
शायद कभी नवजोत सिंह सिद्धू ने अटल जी को अपना राजनैतिक गुरू कहा था...
— Manjinder S Sirsa (@mssirsa) August 17, 2018
पर जिसका किरदार ही मौक़ापरस्त और मक्कारी से भरा हो; उसने आज खुद को बेगैरत भी साबित कर दिया pic.twitter.com/MMX6aajxfS
Last Updated Sep 9, 2018, 12:12 AM IST