- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए पंजाब के 4 जवानों के अंतिम संस्कार के दौरान राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को मौजूद रहने को कहा गया है।

कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपनी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। उनके विवादित बयानों और हरकतों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। यहां तक कि वह अपने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश की भी नाफरमानी कर रहे हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार देर रात एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए पंजाब के 4 जवानों के अंतिम संस्कार के दौरान राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को मौजूद रहने को कहा गया है। शहीद जयमल सिंह मोगा के रहने वाले थे। उनके अंतिम संस्कार के लिए पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ड्यूटी लगाई गई थी। स्थानीय विधायक और कलेक्टर को भी उनके आने की सूचना दी गई थी। लेकिन सिद्धू शहीद जयमल सिंह के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे। मोगा ना जाकर वो लुधियाना में नगर निगम के कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान सिद्धू ने मीडिया से भी बात की। उन्होंने अपने पुलवामा हमले के बाद दिए गए विवादित बयान पर सफाई भी दी।

हालांकि लुधियाना के बाद सिद्धू मोगा पहुंचे, लेकिन मोगा में शहीद के परिवार से मुलाकात करने से पहले अपने महकमे के एक कार्यक्रम में शिरकत करने चले गए। शहीद के अंतिम संस्कार के करीब 3 घंटे बाद सिद्धू शहीद के घर पर पहुंचे और परिवार से मुलाकात की, लेकिन ये मुलाकात सिर्फ एक रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ नहीं थी। शहीद जयमल सिंह के पिता और भाई ने कहा कि सिद्धू सिर्फ फॉर्मेलिटी के लिए आए थे। उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहिए था।

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स्थानीय प्रशासन और स्थानीय कांग्रेस विधायकों ने माना कि सिद्धू को इस कार्यक्रम में शामिल होना था। स्थानीय डीसी ने कहा कि सिद्धू कोहरे की वजह से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सिद्धू लुधियाना में अपने महकमे के कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन मोगा पहुंचने में उन्हें क्या परेशानी हो गई तो मोगा के डीसी सवाल को टाल गए। 

इससे पहले, सिद्धू ने लुधियाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने आतंकवाद के मजहब या देश को लेकर जो बयान दिया था, उसे गलत तरीके से पेश किया गया। उनके बयान की सिर्फ एक ही लाइन दिखाई जा रही है, जबकि अगर उनका पूरा बयान सुना जाए, तो उन्होंने कहा कुछ और था जिसका मतलब गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। 

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सिद्धू यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, चार आतंकियों की हरकत से दोनों देशों के बीच बातचीत और करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का जो प्रयास शुरू हुआ है, वह बंद नहीं किया जाना चाहिए। जो लोग मेरे खिलाफ बोल रहे हैं वो भी खुद पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर खुलने के कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। सिद्धू का इशारा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ था। वह इस कार्यक्रम में सरकार की प्रतिनिधि की तौर पर वहां पहुंची थीं। 

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बहरहाल, सिद्धू की मुश्किलें वैसे भी बढ़ गई हैं। पुलवामा पर विवादित बयान के बाद उन्हें लोगों की भारी नाराजगी के चलते सोनी टीवी ने बहुचर्चित कपिल शर्मा शो से बाहर कर दिया है। उनका जगह अर्चना पूरन सिंह को शो में शामिल किया गया है।