उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित की मौत स्वाभाविक नहीं थी। तकिए या किसी दूसरी चीज से मुंह दबाने से रोहित की जान गई। खुलासे ने मामले को नया मोड़ दे दिया है। अभी तक माना जा रहा था कि दिल का दौरा पड़ने या ब्रेन हेम्रेज से रोहित की जान गई।

एम्स अस्पताल से रोहित शेखर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस भी हैरान है। ‘माय नेशन’ ने पहले ही खबर दी थी कि रोहित की मौत की परिस्थितियों को लेकर पुलिस को संदेह है। 

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। शुक्रवार को क्राइम ब्रांच के बड़े अधिकारियों ने रोहित के डिफेंस कॉलोनी के घर आकर घरवालों से पूछताछ की। हालांकि रोहित की पत्नी अपूर्वा अभी दिल्ली से बाहर हैं। फोरेंसिक टीम ने भी उस कमरे की जांच की है, जहां रोहित मृत पाए गए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रोहित के घर में सात सीसीटीवी कैमरे थे, इनमें से दो काम नहीं कर रहे थे।

सूत्रों के मुताबिक, रोहित के अपनी पत्नी से संबंध अच्छे नहीं थे। रोहित की मौत शादी की दूसरी सालगिरह से कुछ समय पहले हुई है। रोहित के नौकर भोलू मंडल ने पुलिस को विस्तार से बयान दिया है। क्राइम ब्रांच की टीम घर के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। 

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के 39 साल के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मंगलवार को रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी। रोहित को जब साकेत के मैक्स हॉस्टिपटल लाया गया, उनकी मौत हो चुकी थी। 

रोहित दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में रहते थे। पिता का नाम पाने के लिए रोहित को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। एनडी तिवारी ने रोहित को अपना बेटा मानने से इनकार कर दिया था। साल 2007 में रोहित ने अदालत में इसके लिए केस किया। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहित के पक्ष में फैसला दिया। बाद में एनडी तिवारी ने न सिर्फ रोहित को अपनाया बल्कि उनकी मां उज्जवला शर्मा से लखनऊ में शादी भी की।