राजस्थान के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो किसी की आस्था का निरादर करे वो पंडित कैसे हो सकता है। ज्ञानदेव के मुताबिक “जवाहर लाल नेहरू गाय और सुअर दोनों का मांस खाते थे। गाय हिंदुओं की आस्था से जुड़ी है और सुअल इस्लाम में हराम है, वो दोनों का मास खाते थे। जो जिव-जंतुओं का मास खाता है, वो पंडित नहीं हो सकता है। कांग्रेस ने उनके नाम में पंडित जोड़कर ब्राह्मणों को अपने पाले में किया”।

ये पहला मौका नहीं है जब ज्ञानदेव आहुजा ने जवाहर लाल नेहरू को लेकर तल्खबयानी की हो, इससे पहले भी वो नेहरू पर विवादास्पद बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कश्मीर समस्या पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की देन है, जो उन्होंने अपने सौतेले भाई अब्दुल्ला के साथ मिलकर देश को दी थी। आहुजा ने कहा था कि कश्मीर के लोगों को दामाद की तरह हम खिला रहे हैं उसके बावजूद भी वो पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाते हैं। उन्होनें कहा था कि वो दो बार कश्मीर जा चुके हैं और वहां देखा कि लोग देशभक्त कम और देशद्रोही ज्यादा हैं।


ज्ञानदेव आहुजा ने कहा था कि धारा 370 हटाने का समय आ गया है और पीओके को भारत में शामिल कर अखंड भारत बनाना होगा, जिसकी तैयारी बीजेपी कर रही है। चूंकी नेहरू परिवार के कारण ही देश के टुकड़े हुए हैं इसलिए वो इंदिरा गांधी और जवाहर लाल नेहरू को स्वर्गीय ना कहकर नरकीय कहते हैं।


उन्होंने पीओके को भारत मेंमिलाकर अखण्ड भारत बनाने की बात कही और कहा कि बीजेपी सरकार इसकी तैयारी कर रही है. अहूजा ने कहा था कि धारा 370 को हटाने का वक्त आ गया है. नेहरु परिवार के कारण देश के 24 टुकड़े हुए हैं और इसलिए वे इंदिरा और नेहरू को स्वर्गीय नहीं कहते हैं नरकीय कहते हैं।


ज्ञानदेव आहुजा अलवर के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में भीड़ द्वारा मारे गए रकबर खान के मामले को लेकर भी सुर्खियों रहे। तब उन्होंने हत्यारोपी भीड़ का बचाव किया था। इसके अलावा कथित गो—रक्षकों द्वारा पहलू खान की हत्या के मामले में भी उन्होंने कहा था कि वो गो-तस्कर था और कथित आरोपी भीड़ का समर्थन किया था।


प्रदेश में अगले साल चुनाव होने वाले हैं ऐसे सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी बढ़ गई। दोनों तरफ से एक-दूसरे पर निशाने साधे जा रहे हैं।