नेल्सन मंडेला जन्मशतीः भारत की पांच बातें, जिनसे वो प्यार करते थे...

दुनिया में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई के सबसे बड़े चेहरे और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का आज सौंवा जन्मदिन है। उनका भारत से रिश्ता काफी पुराना और मजबूत था। भारत की वो पांच बातें, जो नेल्सन मंडेला यानी मदीबा को बेहद पसंद थीं...

महात्मा गांधी

नेल्सन मंडेला महात्मा गांधी की शिक्षाओं और उनके जीवन दर्शन के अनुयायी थे। वह भारत आते रहते थे। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन के चलते 27 साल  जेल में बिताने के बाद जब मंडेला रिहा हुए तो सबसे पहले 1990 में भारत का दौरा किया। उन्होंने कहा था, 'मैं नैतिकता, सादगी और गरीबों के प्रति प्रेम को लेकर महात्मा गांधी द्वारा स्थापित किए गए मानदंडों तक कभी नहीं पहुंच पाऊंगा...क्योंकि गांधी एक ऐसे इंसान थे, जिनमें कोई कमजोरी नहीं थी। मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जिसमें कई कमजोरियां हैं।'

भारतीय क्रिकेट


मदीबा ने 1997 में भारतीय टीम को खेलते हुए देखा था। उनका महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से हाथ मिलाना बहुत बड़ी खबर बनी थी। इसी तरह उनका भोजनकाल के दौरान टीवी पर दिया संबोधन भी सुर्खियों में रहा था। 15 मिनट के टीवी भाषण में उन्होंने भारतीय मूल्यों और भारत की दयालुता पर बोलते हुए हर सुनने वाला का दिल जीत लिया था। 

अमिताभ बच्चन


अपनी एक यात्रा के दौरान मदीबा ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से मुलाकात की थी। उनकी उदारता को बाद में यह कहते हुए ट्वीट किया गया, 'क्या पल था, मंडेला की मुस्कान सबकुछ कह रही थी। यह दर्शाता है कि वह भारतीय सिनेमा और बिग बी को कितना पसंद करते हैं।'

भारतीय महिला, जो थी मंडेला के दिल के करीब


ऐसा माना जाता है कि मदीबा भारतीय मूल की आमिना कंसालिया को जीवनसाथी बनाना चाहते थे। उन्होंने आमिना के समक्ष अपने प्रेम का इजहार भी किया था। वह एक मानवाधिकार कार्यकर्ता थीं और उन्होंने रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी। यह 1996 की बात है, तब मंडेला का विनी मंडेला से तलाक हुआ था। आमिना ने अपनी किताब में कथित तौर पर लिखा है कि 'एक मुलाकात के दौरान हम लिविंग रूम में सोफे पर बैठे थे। उन्होंने मुझे चूमा। अपनी उंगलियों को मेरे बालों पर फेरते हुए उन्होंने कहा, क्या तुम जानती हो, तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम एक जिंदादिल और मोहक महिला हो?' एएनसी के कार्यकर्ता यूसुफ कंसालिया की विधवा आमिना ने कथित तौर पर यह कहते हुए मंडेला के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि उनके मन में ऐसी भावनाएं नहीं हैं। हालांकि इसके बाद दोनों कई वर्षों तक खास दोस्त बने रहे। 

भारत से मिले सम्मान


मंडेला को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 1990 में सम्मानित किया गया। इसके बाद 2001 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया।