नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए कैबिनेट को व्यवस्थित रूप देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अंतिम दौर की वार्ता की। शपथ लेने वाले सभी नेताओं को फोन किया जा रहा है। पीएम मोदी ने शपथ से पहले अपने आवास पर बुलाया।  

प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ लेने जा रहे नरेंद्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मिलकर अपनी कैबिनेट को अंतिम रूप दे दिया है। सभी संभावित मंत्रियों को फोन जाने शुरू हो गए। पीएम मोदी शपथ ग्रहण से पहले शाम साढ़े चार बजे सभी संभावित मंत्रियों से अपने आवास पर मुलाकात करेंगे। 

इससे पहले बुधवार सुबह, नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए कैबिनेट को व्यवस्थित रूप देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अंतिम दौर की वार्ता की। मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अपने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में शाम 7 बजे शपथ लेंगे। 

सरकार गठन को लेकर मोदी और शाह पिछले दो दिनों में कई दौर की वार्ता कर चुके हैं। सरकार गठन के संदर्भ में गहमागहमी के बीच अमित शाह का अकबर रोड स्थित आवास केंद्र बना हुआ है। उनसे मिलने वालों में पार्टी के संगठन मंत्री राम लाल शामिल है। 

सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 303 सीटों के साथ बड़ी जीत दिलाने में शिल्पकार रहे अमित शाह मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ सदस्य जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्तार अब्बास नकवी और प्रकाश जावड़ेकर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। 

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इसके अलावा अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, जयंत सिन्हा, गिरिराज सिंह, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, दिलीप घोष, जितेन्द्र सिंह, पुरूषोतम रूपाला, नित्यानंद राय को कैबिनेट में शामिल किए जाने के संकेत मिले हैं। साथ ही प्रह्लाद पटेल, रमेश पोखरियाल निशंक, कैलाश चौधरी के अलावा तेलंगाना से कृष्णा रेड्डी, कर्नाटक से सुरेश अंगड़ी, महाराष्ट्र से राव साहब दानवे को भी मंत्रिपरिषद में स्थान मिलने के संकेत हैं।

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संभावना है कि नए मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा की बढ़ती ताकत प्रतिबिंबित हो सकती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शाह से मुलाकात की। समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने सरकार में जेडीयू के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की।

एलजेपी ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें उसके अध्यक्ष रामविलास पासवान को मोदी सरकार में उसके प्रतिनिधि के तौर पर शामिल करने की सिफारिश की गई। अन्नाद्रमुक जो कि पूर्ववर्ती सरकार का हिस्सा नहीं थी, उसने मात्र एक सीट जीती है। उसे एक मंत्री पद दिया जा सकता है क्योंकि पार्टी तमिलनाडु में सत्ता में है और भाजपा की प्रमुख सहयोगी द्रविड़ पार्टी है। अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल के मंत्रिपरिषद में शामिल होने के संकेत मिले हैं । अपना दल से अनुप्रिया पटेल मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकती हैं । 

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शपथ ग्रहण से एक दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वह खराब सेहत के चलते नयी सरकार में मंत्री पद के इच्छुक नहीं हैं। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। वर्ष 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलाई थी। 

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण का इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है। इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलाई गई थी।

शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों ... बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने शामिल होने की पुष्टि पहले ही कर दी है। थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी बूनराच देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।

इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है। मोदी नीत भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 542 सीटों में से 303 सीटें जीतकर सत्ता में बहुमत के साथ वापसी की है। (इनपुट भाषा से भी)