कोयंबटूर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने भारत में इस्लामिक स्टेट के लिए कथित तौर पर युवाओं की भर्ती करने वाले संदिग्ध का पता लगा लिया है। एजेंसी ने कोयंबटूर के रहने वाले एक शख्स के खिलाफ भारत में श्रीलंका की तर्ज पर बम विस्फोट की साजिश रचने का केस दर्ज किया है। श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 250 लोग मारे गए थे। 

एनआईए ने कोयंबटूर में अलग-अलग स्थानों पर छापे मारे हैं। एजेंसी के सूत्रों का दावा है कि पकड़े गए संदिग्ध आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हैं। 

एनआईए के सूत्रों के अनुसार, ‘एजेंसी ने कोयंबटूर के रहने वाले एक संदिग्ध के खिलाफ केस दर्ज किया है। वह आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से प्रभावित  है। वह दक्षिण भारत में हमले करने के लिए लोगों की भर्ती कर रहा था।’

एनआईए की दो सदस्यों की टीम श्रीलंका भी गई थी। वहां ईस्टर बम धमाकों की जांच कर रहे अधिकारियों से मिली थी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका में बम धमाकों को अंजाम देने वाले कुछ आतंकी कश्मीर समेत भारत के दूसरे हिस्सों में भी गए थे। ये सभी आईएसआईएस से जुड़े हुए हैं। 

इस टीम का नेतृत्व आईजी आलोक मित्तल कर रहे हैं। वह दक्षिण भारत में आईएसआईएस से जुड़े विभिन्न मामलों की जांच कर चुके हैं। इसमें कई बड़े नेताओं को मारने की साजिश से जुड़े मॉड्यूल की जांच भी शामिल है। 

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ईस्टर धमाकों की जांच के दौरान के दौरान यह सामने आया कि एनआईए ने श्रीलंका को इस बात के लिए सचेत किया था कि आईएसआईएस के आतंकी वहां हमले करने की फिराक में हैं। 

भारत लगातार श्रीलंका को उसके यहां होने वाले संभावित हमलों को लेकर सचेत करता रहा है। भारतीय उच्चायोग और दूसरे धार्मिक स्थलों के अक्सर आतंकियों के निशाने पर होने की जानकारी सामने आती रही है।  

श्रीलंका को हमलों को लेकर अलर्ट डिप्लोमैटिक चैनल के माध्यम से भेजा गया था। एनआईए ने कोयंबटूर में आईएसआईएस के मामले की विस्तृत जांच के बात यह सूचना दी थी। सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई है।