नई दिल्ली। कंगाली की कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान एक बार फिर छटपटाने लगा है और अब उसकी मुस्लिम देशों के बीच में सियासत खत्म हो गई है।  क्योंकि मुस्लिम देशों ने ही पाकिस्तान से किनारा करना शुरू कर दिया है। फिलहाल पाकिस्तान मुस्लिम देशों की सियासत में अलग थलक पड़ गया है। जहां सऊदी अरब पाकिस्तान से संबंधों को खत्म करना शुरू कर दिया है। वहीं अब यूएई और इजराइल के बीच हुए करार के बाद यूएई ने भी पाकिस्तान को अछूत  मानना शुरू कर दिया है। 

असल में कश्मीर के मुद्दे को दुनिया में उठाते भारत  को जलाने के खातिर पाकिस्तान के हाथ ही जल गए हैं। सऊदी अरब से रिश्ता खराब कर चुके पाकिस्तान अब संयुक्त अरब अमीरात-इजरायल के शांति समझौते के बाद मुश्किलों में घिर गया है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएई और इजरायल के साथ संबंधों खारिज कर दिया है।  इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान इजरायल को तब तक स्वीकार नहीं कर सकता है जब तक फिलिस्तीन के लोगों को उनका अधिकार नहीं मिलता। लिहाजा आने वाले समय में इजरायल और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक रिश्ते नहीं रहेंगे। लेकिन इस बयान के बाद इमरान खान ने यूएई को नाराज कर दिया है।

जबकि इससे पहले इमरान खान सरकार के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब को नाराज कर दिया है और इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ रहा है। वहीं यूएई-इजरायल समझौते से पाकिस्तान के मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं।  क्योंकि सऊदी अरब को नाराज कर पाकिस्तान को समय से पहले 1 अरब डॉलर का कर्ज वापस करना पड़ा है और अब उस पर एक अरब डॉलर और लौटाने का दबाव है। लिहाजा पाकिस्तान चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब को पैसे वापस कर रहा है। दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब से खाली हाथ लौटे हैं और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बाजवा को मिलने तक का समय नहीं दिया है। 

अपने ही गेम में फंसा पाकिस्तान

असल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गेम खेल रहे थे। एक तरफ वह सऊदी अरब को खुश कर उससे फायदा उठाना चाह रहे थे वहीं वह तुर्की को सऊदी के खिलाफ खड़ा कर रहे थे। लिहाजा सऊदी अरब इस चालाकी को समझ गया। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति खुद को मुस्लिम वर्ल्ड का सबसे बड़ा नेता बनने के लिए मुस्लिम देशों को एकजुट कर रहे हैं और इसमें पाकिस्तान उनका साथ दे रहा है।