विधि आयोग ने धर्म बदलकर शादी करने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है।  इन सिफारिशों को अगर सरकार मान लेती है, तो कोई भी धर्म बदलकर एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएगा। इस सिफारिश के कानून बनने के बाद फिल्म स्टार धर्मेन्द्र या राजनेता चंद्रमोहन जैसे उदाहरण देखने को नहीं मिलेंगे।

विधि आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसके मुताबिक बहुत से हिंदुओं ने दूसरी शादी करने के लिए इस्लाम में धर्मांतरण कर लिया। आयोग ने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है। 
धर्म बदलकर शादी का सबसे मशहूर मामला बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र का है। जिन्होंने पहली पत्नी प्रकाश कौर को बिना तलाक दिए हेमा मालिनी से शादी कर ली। इसके लिए धर्मेन्द्र ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था। उनका बकायदा मुसलमान नाम दिलावर खान भी रख दिया गया था।  

इस तरह का दूसरा मामला हरियाणा का था। जहां के उप-मुख्यमंत्री चंद्रमोहन को राज्य की असिस्टेन्ट एडवोकेट जनरल अनुराधा बाली से प्यार हो गया। चंद्रमोहन ने अनुराधा से शादी करने के लिए इस्लाम अपना लिया और अपना नाम चांद मोहम्मद रख लिया।

इस तरह के और भी बहुत से मामले हैं, जिसमें धर्म परिवर्तन करके एक से ज्यादा शादी की गई। विधि आयोग ने इसी तरह की घटनाओं का संज्ञान लिया है। आईपीसी के सेक्शन 494 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी नहीं रचा सकता। ऐसा करने पर उसे 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।

 आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'तथ्य बताते हैं कि हिंदुओं में पार्टनर के जीवित रहते हुए दूसरी शादी का प्रचलन जारी है। यही नहीं बहुत से लोगों ने ऐसा करने के लिए धर्म परिवर्तन करके मुसलमान भी बन गए। 1994 में सरला मुद्गल बनाम भारत सरकार मामले में भी ऐसी बात सामने आई थी।' 

आयोग ने कहा कि ऐसा तब हो रहा है, जबकि यह स्पष्ट कानून है कि दोनों लोगों की जिस धर्म में शादी हुई थी, उसके नियम तब तक माने जाएंगे, जब तक दोनों खुद को धर्मांतरित नहीं कर लेते। 

इससे पहले भी पार्टनर के अधिकारों को लेकर जारी की गई विधि आयोगों की रिपोर्टों में कहा गया था कि एक विवाह के नियम वाले धर्म से बहुविवाह वाले धर्म में परिवर्तन करने के बाद भी उसे मान्यता नहीं है। 

लॉ पैनल ने अब कहा है कि ऐसे में कानून में स्पष्टता के लिए यह जरूरी है कि इस पर स्पष्ट नियम बनाया जाए। इसे केस दर केस देखने की बजाय साफ तौर पर एक कानून बनाया जाना चाहिए।