नई दिल्ली: लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस(यूके हाईकोर्ट) ने नीरव मोदी की जमानत एक बार फिर खारिज कर दी है। 
इससे पहले वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने लगातार तीन बार उसे जमान देने से इनकार किया था। नीरव मोदी पर भारतीय बैंकों के 13 हजार करोड़ लेकर भागने का आरोप है। 

नीरव मोदी की गिरफ्तारी 19 मार्च को हुई थी। तब से अब तक यानी पिछले 86(छियासी) दिनों से वह जेल में ही बंद है। नीरव मोदी की याचिका पर कल(मंगलवार) को सुनवाई पूरी हुई थी। उसके वकील ने तर्क दिया था कि जमानत मिलने पर नीरव मोदी पर इलेक्ट्रोनिक यंत्रों के जरिए नजर रखी जा सकती है। नीरव मोदी ने इसके लिए हामी भर दी थी। लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया और उसे जमानत देने से मना कर दिया। 

जबकि इस मामले में भारत की ओर से केस लड़ रही कानूनी संस्था क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस का कहना था कि नीरव मोदी के खिलाफ पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप हैं। यह असुरक्षित कर्ज का मामला है। ऐसे में उसे जमानत देने से गलत नतीजे निकल सकते हैं। क्योंकि वह बाहर आकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।  

अदालत ने इस तर्क को स्वीकार किया और नीरव मोदी को जमात देने से इनकार कर दिया।