नई दिल्ली। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 28 अक्तूबर को वोटिंग होगी और इसके लिए आज से पहले चरण के मतदान के लिए अधिसूचना हो जाएगी। वहीं सीटों के बंटवारा न  होने के कारण प्रत्याशी बैचेन हैं। हालांकि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आयोग चुनाव संबंधी दिशानिर्देश जारी कर चुका है। लेकिन पार्टी अपने प्रत्याशियों के नामों को तय नहीं कर सकें हैं।

जानकारी के मुताबिक इस बार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। लेकिन राज्य में होने वाले चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी दलों के महागठबंधन दोनों खेमे में फिलहाल सीटों का बंटवारा सुलझ नहीं सका है।  राज्य में राजग जदयू की अगुवाई में चुनाव लड़ेगा और इसके साथ ही उसमें लोजपा शामिल होगी। राज्य में भाजपा और जदयू लोजपा को कम सीटें दे रही हैं। जबकि वह ज्यादा सीटों की मांग कर रही है।

वहीं महागठबंधन की भी स्थिति ऐसी है। महागठबंधन में दो घटक दल पहले ही बाहर निकल चुके हैं । वहीं कांग्रेस भी राजद से नाराज चल रही है। फिलहाल राज्य में होने वाले चुनाव के लिए पहले चरण की 71 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। वहीं चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके उम्मीदवारों में बेचैनी देखी जा रही है। क्योंकि ये साफ नहीं है कि सीटें किसके हिस्से में आएंगी।  फिलहाल सीटों के बंटवारे को लेकर कल दिल्ली में भाजपा ने बैठक की थी। जिसमें पार्टी अध्यक्ष के साथ ही राज्य  के बड़े नेता शामिल थे। लेकिन सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी।

वहीं राजग में जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा भी इस गठबंधन में शामिल होने के बाद लोजपा की ताकत कम हो गई है।  लिहाजा सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए नेताओं को ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ रही है। वहीं लोजपा नेता प्रमुख चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। राजग के साथ ही सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी महागठबंधन में भी सहमति नहीं बन सकी है। सीटों के बंटवारे की आस लगाए बैठे दल गठबंधन से दूर होने लगे हैं।  हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है जबकि सीपीआई (एमएल) ने भी महागठबंधन से दूरी बना ली है।