लोकसभा में तेलुगु देशम पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। चर्चा की शुरुआत करते हुए पार्टी के सांसद सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने आंध्र की जनता से किए वादे पूरे नहीं किए।  यह मोदी सरकार के खिलाफ धर्मयुद्ध है। अगर आंध्र की जनता से धोखा किया गया तो भाजपा खत्म हो जाएगी।

टीडीपी सांसद ने पूरा भाषण आंध्र प्रदेश पर केंद्रित रखा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के खाते में 15 लाख रुपये आने की बात कही थी। हम उनसे 15 लाख रुपये नहीं, बल्कि आंध्र की जनता का हक मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंध्र का विभाजन हुआ तो नया राज्य तेलंगाना नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश ही बना। बंटवारे के बाद सारे संसाधन तेलंगाना के पास चले गए। इससे आंध्र प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ गया। उनकी इस बात पर तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने ऐतराज जताया।  

जयदेव गल्ला ने कहा, 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की बात कही थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने पांच नहीं बल्कि 10 साल के लिए राज्य को विशेष दर्जा देने का वादा किया था। यह वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, दूसरे राज्यों की तुलना में आंध्र प्रदेश के साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के पिछड़ेपन के आंकड़े गिनाए और 14वें वित्त आयोग के सदस्यों की राय के आधार पर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने मांग की। उन्होंने कहा, हम भाजपा को चेतावनी नहीं बल्कि 'श्राप' दे रहे हैं। अगर आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ धोखा हुआ तो भाजपा खत्म हो जाएगी। हालांकि उनके इस बयान पर काफी हल्ला हुआ। भाजपा सदस्यों ने 'श्राप' शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने की मांग की।