लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा और वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज हमारी संसदीय लोकतंत्र के लिए बड़ा दिन है। 

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, 'आज हमारी संसदीय लोकतंत्र के लिए बड़ा दिन है। मैं आश्वस्त हूं कि मेरे साथी सांसद इस अवसर पर यह सुनिश्चित करेंगे कि सदन में एक विस्तृत और बाधारहित बहस हो। हम सभी जनता और हमारे  संविधान निर्माताओं के आभारी हैं। देश की हम पर नजर है।' 

पीएम के ट्वीट से संकेत मिलता है कि वह अपने चार साल के कार्यकाल का ब्यौरा देते हुए विपक्ष को घेर सकते हैं। टीडीपी, कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में आंकड़े पहले से ही सरकार के पक्ष में है। 543 सांसदों वाली लोकसभा में फिलहाल दस सीटें खाली हैं। सदन का मौजूदा संख्याबल 533 है। इसमें बहुमत का जादुई आंकड़ा 267 है। भाजपा के अकेले ही इस समय 272 सांसद हैं। एनडीए के सहयोगियों को मिलाकर यह संख्या 313 है। हालांकि शिवसेना का रुख अभी साफ नहीं है। सरकार के पक्ष में वोट देने का संकेत दे रही शिवसेना ने शुक्रवार को सामना में फिर सरकार पर निशाना साधा। हालांकि उसके मुखपत्र में यह भी कहा गया है कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, अन्नाद्रमुक और बीजद वोटिंग से अलग रह सकते हैं। कुछ और दल भी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से अलग हो सकते हैं। बहरहाल, विपक्ष का संख्याबल 147 सांसद है।