नई दिल्ली। देशभर में हलाल कारोबार का अब जनता के बीच में जाकर विरोध किया जाएगा और इसके लिए विश्व हिंदू परिषद देशव्यापी आंदोलन चलाएगी और जनता को जागरूक करेगी। इसके लिए विहिप बॉयकाट अभियान चलाएगी। विहिप का कहना है कि देश में हलाल सर्टिफिकेशन कारोबार का कोई नियामक नही है और उसके बावजूद इसके सर्टिफिकेशन बेचा जा रहा है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।  

विश्व हिंदू परिषद के महासचिव सुरेन्द जैन ने कहा है कि देश में बढ़ते हलाल कारोबार को रोकने की जरूरत है। क्योंकि इससे जनता के जेब का डाका डाला जा रहा है। इसके विरोध के लिए देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में हलाल उत्पादों का विरोध करने के लिए हलाल नियंत्रण मंच की स्थापना की गई है और इसकी के तहत देशभर में हलाल कारोबार के खिलाफ मुहिम शुरू की जाएगी। फिलहाल हलाल उत्पाद और हलाल सर्टिफिकेट से बने हलाल इकॉनमी को लेकर देश में आवाजें  उठनी शुरू हो गई है और सोशल मीडिया में इसका जमकर विरोध किया जा रहा है।  सोशल मीडिया और समाज के कई तबकों में बॉयकाट हलाल उत्पादों का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं इस अभियान से विहिप भी जुड़ने  जा रहा है और वह इन उत्पादों के लिए देशभर में अभियान चलाएगा।

विहिप के महासचिव सुरेन्द जैन ने कहा है मांस के कारोबार के साथ ही खाने पीने के जरूरी सामानों में भी हलाल सर्टिफिकेशन शुरू किया गया है और देश की पिछली सरकारों ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हलाल सर्टिफिकेट को मान्यता दी और इसके कारोबार को बढ़ावा दिया। आज देश में स्थिति ये है कि एयर इंडिया और रेलवे में हलाल सर्टिफिकेट के उत्पाद बेचे जा रहे हैं।  वहीं हलाल का सर्टिफिकेट का कारोबार देश में तेजी से बढ़ रहा है और इसका पैसा कहां जाता है ये किसी को पता नहीं। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने भी आशंका जताई है कि हलाल इकॉनमी के पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया जा रहा है।

क्योंकि कंपनियां  लेती है हलाल सर्टिफिकेट

असल में मुस्लिम देशों में हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत है और कंपनियां ये उत्पाद पहले मुस्लिम देशों के बनाती थी। लेकिन अब ये उत्पाद देश में भी बेचे  जाने लगे हैं और ये उत्पाद शरीया कानून के तहत बनाए जाते हैं। यानी दूसरे धर्म के लोगों पर शरिया कानून के उन उत्पादों को खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।  जबकि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इस तरह के उत्पादों को नहीं बेचा जाना चाहिए। पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने इन उत्पादों को बढ़ावा दिया।  आज भारत में भी लगभग दर्जन भर कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन जारी करती हैं। जो इस्लाम के अनुयायियों के लिए खाद्य या उत्पादों के प्रयोग की अनुमति देता है।